Wheat production: पिछले साल गेहूं उत्पादन की कमी को देखते हुए इस साल केंद्र और राज्य सरकारों की निगाहें गेहूं की पैदावार पर टिकी हुई हैं. केंद्र सरकार प्रत्येक राज्य में गेहूं बुआई का आंकड़ा जुटा रही है. देखा जा रहा है कि किसी स्टेट में गेहूं बुआई में किसी तरह का संकट तो नहीं है. हालांकि दो राज्यों में बुआई का प्रतिशत कुछ कम हैं. शेष मेें उत्पादन अधिक देखने को मिल रहा है. केंद्र सरकार ने उत्पादन बेहतर होने के पीछे कुछ वजह भी बताई हैं. 


मौसम बेहतर होने से बढ़ रही बुआई


मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार के शीर्ष अधिकारियों का कहना है कि प्रमुख उत्पादक राज्यों में गेहूं की फसल की अच्छी संभावना है. मौजूदा तापमान पौधों की वृद्धि और उच्च उपज के लिए अनुकूल बना हुआ है. कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर से शुरू हुए रबी सीजन में पिछले हफ्ते तक गेहूं का रकबा 3 फीसदी बढ़कर 286.5 लाख हेक्टेयर हो गया था. मौसम की स्थिति और फसल के तहत अधिक क्षेत्र से 2022-23 फसल वर्ष (जुलाई-जून) में अधिक उत्पादन होने की उम्मीद है.


इस साल नहीं अधिक तापमान होने की जानकारी


केंद्र सरकार के अधिकारी ने स्पष्ट किया कि पिछले साल इस समय में भी बुआई के हिसाब से तापमान अधिक होने की जानकारी मिल रही थी. इस बार ऐसी कोई सूचना नहीं मिल रही है. अच्छी फसल उपज के लिए यह अच्छा संकेत है. निर्यात मांग के बीच न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से अधिक होने की उम्मीद में किसानों ने इस साल गेहूं अधिक क्षेत्र में बोया है. 2021-22 के फसल वर्ष में, कुछ उत्पादक राज्यों में लू के कारण घरेलू उत्पादन पिछले वर्ष के 109.59 मिलियन टन से गिरकर 106.84 मिलियन टन हो गया.


एक जनवरी को होगा इतना स्टॉक


आटे की बढ़ती कीमतों से केंद्र सरकार की चिंता बढ़ने लगी थी. लिहाजा इस साल मई में सरकार ने घरेलू आपूर्ति को बढ़ावा देने और कीमतों को नियंत्रित करने के लिए गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. केंद्र सरकार के पास गेहूं स्टॉकेज के केंद्र सरकार के आंकड़े संतोषजनक हैं. केंद्र सरकार के आंकड़ों के अनुसार, एक जनवरी 2023 को सरकारी गोदामों में कुल 1.59 करोड़ टन गेहूं का स्टॉक होगा, जबकि केंद्र सरकार का बफर मानक 1.38 करोड़ टन तय है. वहीं, 12 दिसंबर 2022 को सेंट्रल पूल में गेहूं का कुल स्टॉक 1.82 करोड़ टन था.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.



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