Agriculture Growth In India: देश में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. उत्तर भारतीय राज्यों का बुरा हाल है. यहां कुछ दिनों पहले तापमान 0 डिग्री सेल्सियस से नीचे पहुंच गया था. अभी भी देश के कई हिस्सों में तापमान बेहद कम बना हुआ है. यहां 2 से 5 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया जा रहा है. रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं की बुवाई अक्टूबर में शुरू हो गई थी. इसकी कटाई मार्च-अप्रैल में शुरू कर दी जाएगी. मौजूदा महीना जनवरी का चल रहा है. गेहूं की फसल की अच्छी उपज के लिए साफ सफाई बहुत जरूरी है. विशेषज्ञों का कहना है कि गेहूं के साथ पैदा हुई खरपतवार फसल को नुकसान पहुंचाती है. इससे बचाव जरूरी है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अब बिहार के विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि जरा सी सूझबूझ से जनवरी में खेती के लिहाज से कमाई का महीना बनाया जा सकता है. बस किसान ये काम कर लें. 


1. कृषि विभाग का कहना है कि गेहूं की बुवाई हो चुकी है. खरपतवार से गेहूं को नुकसान हो सकता है. पहली सिंचाई के बाद खेत में चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार पैदा हो जाते हैं. इससे बचाव के लिए 2.4-डी सोडियम साल्ट 80 प्रतिशत का 500 ग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव कर देना चाहिए. छिड़काव 25-30 दिनों में कर देना चाहिए. 


2. यदि खेत में सकरी पत्ती वाले खरपतवार दिख रहे हैं तो आइसोप्रोट्युरॉन 50 प्रतिशत का 2 किलोग्राम या 75 प्रतिशत का, 2 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर के हिसाब छिड़काव करना चाहिए. यह छिड़काव फ्लैट फैन नोजलवारी स्पे मशीन से करें तो बेहतर रिजल्ट देखने को मिल सकते हैं. 


3. तना छेदक कीट की समस्या है तो 10 फेरोमीन ट्रैप प्रति हेक्टेयर के हिसाब से लगाना चाहिए. यदि अधिक जरूरत है तो डायमेथोएट 30 प्रतिशत ई.सी 750 का पानी में घोल बनाकर छिड़काव कर देना चाहिए.


देश के इन राज्यों में अधिक हुई गेहूं की बुवाई


कृषि मंत्रालय के आंकड़ों पर गौर करें तो देश में राजस्थान में सबसे ज्यादा क्षेत्र में गेहूं की बुवाई की गई है. यह ढाई लाख हेक्टेयर से अधिक है. इसके बाद उत्तर प्रदेश में हुई है. यहां करीब पौने 2 लाख हेक्टेयर में गेहूं की पफसल बोई जा चुकी है. इसके बाद महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ़, बिहार, पश्चिम बंगाल, जम्मू और कश्मीर और असम में अधिक गेहूं की बुवाई की गई है. इस बार के गेहूं बुवाई के आंकड़े देखकर केंद्र सरकार खुश है. इस साल गेहूं के रिकॉर्ड उत्पादन की संभावना जताई जा रही है. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.




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