Wheat Export From India: केंद्र सरकार विदेशों को भरपूर अनाज एक्सपोर्ट करती है. गेहूं, धान, चाय, चीनी को भारत विश्व के कई देशों को निर्यात किया जाता है. कई देश भारत से अनाज की मांग भी करते हैं. गेहूं भी विदेशों को काफी मात्रा में निर्यात होता है. इसी निर्यात करने का नतीजा यह रहा कि भारत में गेहूं का स्टॉक थोड़ा कम पड़ गया. बाजार में गेहूं की खपत कम हुई तो इसकी कीमतें तेज होने लगी. इसका असर आटे पर भी पड़ा और आमजन की रसोई का बजट बिगड़ना शुरू हो गया. निर्यात पर प्रतिबंध को कई महीने हो चुके हैं. अब इसमें राहत देने की दिशा में भारत सरकार काम कर रही है. जानकारों का कहना है कि यदि सरकार निर्यात हटा लेती है तो इससे किसान, कारोबारियों की इनकम भी बढ़ जाएगी. 


हट सकता है गेहूं के निर्यात से प्रतिबंध
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र में शीर्ष स्तर पर गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध हटाने पर मंथन चल रहा है. विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) के महानिदेशक संतोष कुमार सारंगी ने कहा कि गेहूं निर्यात से प्रतिबंध हटाने की मांग पर सरकार मार्च-अप्रैल के आसपास फैसला करेगी. यह समय गेहूं कटाई का होगा. 


देश में देखा जाएगा गेहूं स्टॉक का संतुलन
संतोष कुमार सारंगी मध्यप्रदेश सरकार के आयोजन वैश्विक निवेशक सम्मेलन ‘इन्वेस्ट मध्यप्रदेश’ में हिस्सा लेने इंदौर आए थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध हटाने में केंद्र सरकार किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतना चाहती है. पहले यह तय किया जाएगा कि देश में गेहूं की मांग और उसकी सप्लाई में कितना अंतर है. यदि मांग और आपूर्ति संतुलित है, तभी निर्यात हटाने पर विचार किया जाएगा. देश में गेहूं की फसल की कटाई आमतौर पर मार्च-अप्रैल में होती है. इसी समय केंद्र सरकार निर्णय लेगी. 


लू से हो गया था गेहूं उत्पादन प्रभावित
वर्ष 2022 में गेहूं का उत्पादन प्रभावित हुआ था. केंद्र सरकार ने इसके पीछे तर्क दिया था कि गर्मी और लू चलने के कारण गेहूं का उत्पादन प्रभावित हुआ. केंद्र सरकार ने गेहूं एक्सपोर्ट करना जारी रखा. इसी बीच यूक्रेन-रूस युद्ध ने भी गेहूं की खपत को प्रभावित किया. पिछले कुछ महीने में गेहूं के दामों में तेजी देखी गई. इससे आटा भी महंगा हो गया. 


13 मई को लगाया गया था प्रतिबंध
भारत ने गेहूं की कीमतों को नियंत्रण में करने के लिए 13 मई, 2022 प्रतिबंध लगाया था. इस संबंध में सरकारी राजपत्र में प्रकाशित एक अधिसूचना में विदेश व्यापार महानिदेशालय  ने इस प्रतिबंध को सही ठहराते हुए जानकारी दी है कि गेहूं की बढ़ती वैश्विक कीमतों ने न केवल भारत में बल्कि पड़ोसी व कमजोर देशों में भी खाद्य सुरक्षा पर दबाव डाला है. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.



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