Wheat Price In India: देश में गेहूं की बढ़ी कीमतों से केंद्र सरकार परेशान थी. गेहूं की कीमत का असर आटे पर देखने को मिल रहा था. हाल में केंद्र सरकार की ओर से गेहूं की कीमत कम करने के लिए बड़ा कदम उठाया गया. केंद्र सरकार के निर्देश पर एफसीआई ने खुले बाजार में 30 लाख टन गेहूं बेचने की योजना तैयार की. केंद्र सरकार की इस कवायद का असर गेहूं की कीमतों पर देखने को मिला है. इससे आमजन को राहत मिली है.
गेहूं के भाव में 5 रुपये प्रति किलोग्राम आई कमी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गेहूं की घटी कीमतों को लेकर केंद्र सरकार का बयान सामने आया है. केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने बताया कि खुले बाजार में 30 लाख टन गेहूं बेचने के फैसले का असर थोक और खुदरा बाजार में गेहूं की कीमतों पर देखने को मिला है. गेहूं की कीमतों में 5 रुपये प्रति किलोग्राम तक कमी आई है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार आमजन को और अधिक सस्ता गेहूं उपलब्ध कराना चाहती है. इसके लिए कवायद चल रही है. गेहूं की कीमत कम करने के लिए जो भी संभव होगा. वो कदम उठाए जाएंगे.
गेहूं पर निर्यात पाबंदी हटाने पर अभी कोई योजना नहीं
रूस-यूक्रेन युद्ध, अधिक निर्यात होने के कारण गेहूं की कीमतें तेजी से बढ़ी थीं. गेहूं की कीमत बढ़ने के कारण आटा महंगा होना शुरू हो गया. केंद्र सरकार ने आटे की कीमत पर काबू पाने के लिए गेहूं निर्यात पर पाबंदी लगा दी थी. गेहूं कारोबारी काफी समय से निर्यात पर छूट देने की मांग कर रहे थे. लेकिन हाल में केंद्र सरकार के अधिकारियों ने साफ कर दिया है कि केंद्र सरकार अभी गेहूं निर्यात से प्रतिबंध हटाने पर किसी तरह का विचार नहीं कर रही है. गेहूं पर प्रतिबंध पिछले साल मई में लगाया गया था.
इतने घट गए गेहूं के भाव
केंद्र सरकार के 30 लाख टन गेहूं बाजार में उतारने के बाद इसका असर थोक और खुदरा मार्केट में देखने को मिल रहा है. अधिकारियों ने कहा कि थोक दर पर गेहूं 3000 रुपये प्रति क्विंटल से घटकर 2500 रुपये प्रति क्विंटल तक आ गया है. खुदरा में गेहूं करीब 3400 रुपये प्रति क्विंटल से घटकर 2900 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है. केंद्र सरकार ने इस प्रक्रिया के बाद गेहूं की कीमत कम होने की उम्मीद जताई थी, जोकि दिख भी रही है. वहीं, आने वाले दिनों में कीमत और अधिक कम होने की संभावना है.