Wheat Price In Maharashtra: देश में किसी भी खाद्यान्न पर महंगाई न बड़े, इसके लिए केंद्र सरकार तमाम जतन में जुटी हुई हैं. चावल की कीमत को कम करने के लिए हाल में केंद्र सरकार ने कदम उठाया था. वहीं गेहूं की बढ़ती कीमतें भी केंद्र सरकार के लिए टेंशन बनी हुई हैं. हाल में भी केंद्र सरकार की ओर से गेहूं की कीमत कम करने के लिए कदम उठाया है. लेकिन इसका असर उतना बाजार में नहीं दिख रहा है.
महाराष्ट्र में 50 रुपये किलोग्राम हुआ गेहूं
नई योजना अनुसार केंद्र सरकार की कोशिश है कि गेहूं का भाव देश में हर हाल में 30 रुपये प्रति किलोग्राम से नीचे आये. लेकिन इस समय जो मंडी के भाव आये हैं. वो परेशान करने वाले हैं. महाराष्ट्र ने गेहूं का अधिकतम भाव 5000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है. यानि यहां गेहूं 50 रुपये प्रति किलो खरीदा गया है. जबकि एमएसपी की स्थिति देखें तो उसे 2125 रुपये प्रति क्विंटल ही तय किया गया है.
इतना महंगा हो गया गेहूं
गुजरात के दाहोद में गेहूं का न्यूनतम मूल्य 4000, अधिकतम मूल्य 5000 रुपये रखा गया है. गुजरात के मनसा में न्यूनतम रेट 2605, अधिकतम 3160 है. महाराष्ट्र के अकोला में न्यूनतम 3300, अधिकतम 3700 है. महाराष्ट्र के पुणे में न्यूनतम 4700 अधिकतम 5000 रुपये प्रति क्विंटल है. उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में मिनीमम रेट 2850, अधिकतम दर 3150 रुपये तय की गई हैं. महाराष्ट्र में प्रति किलोग्राम स्थिति देखें तो 50 रुपये प्रति किलो तक मंडी में गेहूं बिका है. विशेष बात यह है कि गेहूं बिक्री की ये दर मंडी की है. खुदरा में यह गेहूं की ये कीमतें और अधिक महंगी हो जाएंगी.
भाव कम करने की ये है कोशिश
विशेषज्ञों का कहना है कि देश में गेहूं की कीमतों के बढ़ने के पीछे मुख्य वजह यह है कि बाजार में गेहूं का स्टॉक बेहद कम स्तर पर पहुंच गया और डिमांड उतनी रही. मांग और सप्लाई में अंतर का असर उसकी कीमतों पर देखने को मिला. आटे की कीमत बढ़ी तो केंद्र सरकार पर इसकी कीमत कम करने का दबाव बढ़ गया. अब उसी दबाव का असर गेहूं और आटे के बाजार में देखने को मिल रहा है. अब एफसीआई ने खुली बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत अपने बफर स्टॉक से 30 लाख टन गेहूं खुले बाजार में बेचने की योजना की घोषणा की है.
700 हेक्टेयर से अधिक में हो चुकी गेहूं की बुवाई
देश में इस साल रिकार्ड क्षेत्र में गेहूं की बुवाई की जा रही है. आंकड़ों के अनुसार 700 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में गेहूं की बुवाई की जा चुकी है. कृषि विशेषज्ञ का कहना है कि चालू रबी सीजन में रबी सीजन की फसलों का रिकॉर्ड उत्पादन होगा. अकेले गेहूं का रकबा ही 341.85 लाख हेक्टेयर हो गया है, यह पिछले साल 340.56 लाख हेक्टेयर था.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.