Wheat Procurement In UP: देश में गेहूं की कटाई तेज कर दी गई है. जिन किसानों को गेहूं कटता जा रहा है. वो मौसम के मिजाज को देखते हुए उन्हें बिक्री के लिए मंडी लेकर पहुंच रहा है. अधिकांश राज्यों में गेहं खरीद की कवायद शुरू कर दी गई है. जिन राज्यों में अभी तक गेहूं खरीद शुरू नहीं हुई है. वहां तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. उत्तर प्रदेश भी ऐसे ही राज्य में से एक है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर राज्य में गेहूं खरीद की तैयारियां तेज कर दी गई हैं. मुख्यमंत्री के सख्त निर्देश हैं कि किसी भी हाल में मंडी में किसानों का परेशानी नहीं होनी चाहिए. 


प्रदेश में होगी 60 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद


उत्तर प्रदेश में लाखों की संख्या में किसान गेहूं की बुआई करते हैं. सीजन में लाखों टन गेहूं मंडी में बेचा जाता है. गेहूं उत्पादन के मामले में उत्तर प्रदेश बड़ा राज्य है. उत्तर प्रदेश सरकार ने अब गेहूं खरीद नीति 2023- 24 को मंजूरी दे दी है. इस सीजन में किसान 60 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद करेगी. इसका मिनिमम सपोर्ट प्राइस (एमएसपी) 2,125 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है. 


यूपी में बने 5900 क्रय केंद्र


किसानों से गेहूं खरीदने में किसी तरह की परेशानी न हो. इसके लिए प्रदेश में कुल 5,900 क्रय केंद्र बनाए गए हैं. क्रेय केंद्रों पर किसान हेल्प डेस्क समेत सभी सुविधाएं मौजूद हैं. प्रदेश सरकार ने पहले ही रबी सीजन 2023- 24 के लिए 2,125 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गेहूं खरीदने का एलान पहले ही कर दिया था. उसी को देखते हुए कैबिनेट ने अब इस प्रस्ताव को मंजूरी दी है. अब राज्य सरकार ने सभी जिलों में गेहूं खरीद संबंधी आदेश जारी कर दिए हैं. 


हर जिले में डीएम बने नोडल अधिकारी


राज्य सरकार के अधिकारियों के अनुसार, गेहूं खरीद में छोटे किसानों का अधिक ख्याल रखा गया है. 60 क्विंटल से कम गेहूं बेचने वाले किसानों खरीद में अधिक महत्व दिया जाएगा. उत्तर प्रदेश सरकार ने संभागीय आयुक्तों को अपने संभालकों के लिए नोडल अधिकारी बनाया है. डीएम को अपने अपने जिले को नोडल अफसर बनाया है. उत्तर प्रदेश में 1 अप्रैल गेहूं खरीद शुरू कर दी गई है.


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