Wheat Procurement In India: खरीफ सीजन में किसानों को प्राकृतिक आपदा से बहुत नुकसान पहुंचा था. रबी सीजन में बेमौसम बारिश ने किसानों की हालत पस्त कर दी. बारिश होने पर उन किसानों के सामने संकट पैदा हो गया, जिन्होंने फसलों की कटाई कर दी और फसल खेत में ही पड़ी थी. वहीं, जिन किसानों की फसल पककर तैयार हो गई थी उन्हें भी इससे नुकसान हुआ. लेकिन इन सबके बीच एक राहत भरी खबर देखने को मिली है. विभिन्न राज्यों में गेहूं खरीद शुरू हो गई है. गेहूं खरीद के बढ़ते आंकड़ों को देखकर केंद्र सरकार के अधिकारी खुश हैं. 


7 लाख मीट्रिक टन की हुई गेहूं खरीद


भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) की ओर से गेहूं खरीद को लेकर जानकारी दी गई है.  मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एफसीआई के सीएमडी अशोक के मीणा ने बताया कि गेहूं खरीद को लेकर किसी को भी परेशान नहीं होना है. केंद्र सरकार के पास गेहूं का भरपूर स्टॉक है. अभी तक एफसीआई 7 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद कर चुकी है. यह एक रिकॉर्ड है. पिछले 6 साल में अप्रैल के शुरुआती सप्ताह तक 2 लाख मीट्रिक टन गेहूं ही खरीदा गया था. 


342 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद का लक्ष्य


इस साल भारतीय खाद्य निगम ने 342 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद का लख्य रखा है. केंद्र सरकार इसी लक्ष्य के सापेक्ष राज्यों में गेहूं खरीद कर रही है. एफसीआई के रिकॉर्ड अनुसार, एक अप्रैल तक केंद्र सरकार के पास 84 लाख मैट्रिक टन गेहूं का स्टॉक था. निगम के पास गेहूं का ठीक ठाक भंडार है. 


नहीं बढ़ेगी आटे की कीमत


इस बार गेहूं की बढ़ी कीमतोें ने केंद्र सरकार को परेशान कर रख दिया है. गेहूं की बढ़ी कीमतों का असर आटे की कीमतों पर देखने को मिला. घर में बनाए जाने वाली रोटी भी महंगी होने लगी. इससे केंद्र सरकार की चिंता बढ़ गई. केंद्र सरकार ने दामों के नियंत्रण के लिए बाजार में गेहूं उतारा. अब केंद्र सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि अब गेहूं की कीमतें नहीं बढ़ेंगी. कीमतों को नियंत्रित किया जाएगा. 


6 साल के निचले स्तर पर गेहूं का स्टॉक


देश में गेहूं की खपत अधिक हुई है. इसी कारण सरकारी स्टॉक में पुराना गेहूं 6 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है. 1 अप्रैल तक केंद्रीय पूल में गेहूं का कुल स्टॉक 85.1 लाख टन था. ये 6 साल के स्टॉक में सबसे कम है. 


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