Wheat Procurement: देश में 18 फीसदी घट गई गेहूं की खरीद... इन राज्यों में बहुत बुरा है हाल
देश के कई राज्यों में गेहूं खरीद शुरू कर दी गई है. मगर बे मौसम बारिश और ओले ने किसानों की फसलों को बर्बाद कर दिया है. इसी का असर मंडियों में देखने को मिल रहा है, जहां 18% गेहूं कम पहुंचा है
Wheat Procurement In India: देश के कई अलग अलग राज्यों में गेहूं की कटाई शुरू कर दी गई है. किसान मौसम के मिजाज को देखते हुए गेहूं की कटाई कर रहा है. वहीं जो किसान गेहूं कटाई कर रहे हैं, उनकी कोशिश है कि जल्द से जल्द गेहूं मंडी तक पहुंच जाए, ताकि मौसम बिगड़ने पर किसी तरह का नुकसान न हो. वहीं देश में पिछले साल के मुकाबले इस साल गेहूं खरीद की रफ्तार कुछ सुस्त देखने को मिल रही है. 16 अप्रैल तक देश में 41 लाख टन गेहूं खरीद पहुंची है. एक साल पहले इस समय तक 50 लाख टन गेहूं खरीद हुई थी. गेहूं खरीद के मौजूदा आंकड़ें देखकर खुद केंद्र सरकार टेंशन में है. हालांकि आने वाले दिनों में गेहूं खरीद में तेजी आने की उम्मीद जताई जा रही है.
हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब में गेहूं खरीद तेज
हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब में गेहूं खरीद तेज कर दी गई है. हरियाणा में 34 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है. राज्य सरकार ने किसानों के खाते में 900 करोड़ से अधिक भेज दिया है. हरियाणा में इस बार 80 लाख मीट्रिक टन गेहूं आने की उम्मीद है. वहीं उत्तर प्रदेश में गेहूं खरीद 1 अप्रैल से शुरू कर दी गई है. यहां गेहूं खरीद का लक्ष्य 60 लाख मीट्रिक टन रखा गया है. हालांकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गेहूं खरीद में किसानों के हितों का ख्याल रखने के निर्देश दिए हैं. उधर पंजाब सरकार भी गेहूं बेचने वाले किसानों के खाते में लगातार पेमेंट भेज रही है.
18 प्रतिशत कम हुई गेहूं खरीद
मौसम का मिजाज कहें या उपज का गणित बिगड़ना, अभी तक पिछले साल के मुकाबले काफी कम गेहूं मंडियों में पहुंच रहा है. गेहूं सीजन 2023-24 में अलग अलग एजेंसियों ने किसानों से 41 लाख टन ही गेहूं खरीद की है. यह पिछले साल के सापेक्ष 18 प्रतिशत कम बताई जा रही है. पिछले साल करीब 50 लाख टन गेहूं खरीद हुई थी.
बेमौसम बारिश जिम्मेदार
भारतीय खाद्य निगम के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर अशोक मीणा ने बताया कि मार्च में हुई बेमौसम बारिश का असर गेहूं खरीद पर देखने को मिल रहा है. कटाई में देरी और गेहूं में दिक्कत आने के कारण पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, राजस्थान की मंडियों में गेहूं की आवक बेहद कम है. इसी का असर गेहूं खरीद के राष्ट्रीय रिकॉर्ड पर देखने को मिल रहा है.
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