Wheat Procurement In India: मौसम के रुख को भांपत हुए देश में किसानों ने गेहूं की कटाई तेज कर दी है. बारिश पड़ी तो किसानों के खेत में पड़ी गेहूं की फसल बर्बाद हो सकती है. वहीं, मंडियों में किसानों को अधिक परेशानी न हो. इसको लेकर मंडी प्रशासन, जिला प्रशासन जुटा हुआ है. केंद्र सरकार गेहंू खरीद का रिकॉर्ड जुटा रही है. अब जो आंकड़ें सामने आ रहे हैं. वह खासी राहत देने वाले हैं. 


1.11 करोड़ टन हुई गेहूं खरीद


केंद्र सरकार के आंकड़ों के अनुसार, गेहूं के मौजूदा खरीद सीजन वर्ष 2023-24 (अप्रैल-मार्च) में अभी तक गेहूं खरीद 12 प्रतिशत बढ़ी है. खरीद का आंकड़ा 1.11 करोड़ टन हो गया है. जबकि पिछले साल 99 लाख टन गेहूं खरीद दर्ज की गई थी. केंद्र सरकार का कहना है कि सभी एजेंसियों को किसानों के गेहूं खरीद के निर्देश जारी कर दिए हैं. 


11.89 लाख किसानों के खाते में 23.66 हजार करोड़ रुपये


केेंद्र सरकार ने देश के लाखों किसानों से गेहूं खरीदा है. आंकड़ों के मुताबिक, 11,89,237 किसानों के खाते में न्यूनतम समर्थन मूल्य की धनराशि 23,663.63 करोड़ रुपये भेज दी है. केंद्र सरकार के अधिकारियों का कहना है कि मार्च में बारिश होेेने से किसान परेशान हो गए थे. इनके लिए नियमों में ढील दी गई है. मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में गेहूं खरीद में नियमों में ढील दी है. 


3.42 करोड़ टन की जाएगी गेहूं खरीद


केंद्र सरकार ने इस सीजन में गेहूं खरीद के लिए 3.42 करोड़ टन लक्ष्य तय किया है. वहीं, वर्ष 2022-23 में 1.9 करोड़ टन गेहूं खरीद ही हो पाई थी. हालांकि पिछले साल गेहूं खरीद कम होने के पीछे लू मानी जा रही थी. इस साल गेहूं की रिकॉर्ड खरीद होने की उम्मीद है. 


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