Wheat Peocurement: अभी तो चल रही है गेहूं की बुवाई, केंद्र सरकार ने 15 मार्च से खरीद की तैयारी भी शुरू कर दी
देश के बड़े हिस्से में रबी सीजन की फसलों की बुवाई चल रही है. इनमें बड़ा हिस्सा गेहूं का है. इधर, केंद्र सरकार ने बुवाई के साथ ही गेहूं खरीद का खाका बुनना भी शुरू कर दिया है.
![Wheat Peocurement: अभी तो चल रही है गेहूं की बुवाई, केंद्र सरकार ने 15 मार्च से खरीद की तैयारी भी शुरू कर दी Wheat procurement in India will start from 15 March 2023 Wheat Peocurement: अभी तो चल रही है गेहूं की बुवाई, केंद्र सरकार ने 15 मार्च से खरीद की तैयारी भी शुरू कर दी](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/02/06/3b83b40b344c3b14c403c2ef6348381d1675652866218579_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
देश में गेहूं के दाम बहुत अधिक हैं. इसका असर आटे के भाव पर भी है. आमजन की रसोई का बजट बिगड़ गया है. गेहूं के बढ़े दाम से केंद्र सरकार भी परेशान है. इसके दाम कम करने की कवायद शुरू कर दी गई है. वहीं गेहूं में ही टेंशन से अलग राहत देने वाली खबर भी है. देश के बड़े क्षेत्र में गेहूं की बुवाई हो चुकी है. इस साल की बुवाई का यह रिकॉर्ड भी है. एक और राहत भरी और खबर सामने आ रही है.
15 मार्च से शुरू हो जाएगी गेहूं खरीद
देश के बड़े हिस्से में गेहूं की बुवाई पूरी हो चुकी है. वहीं कुछ हिस्सों में अभी भी बुवाई चल रही है. केंद्र सरकार बुवाई के बाद खरीद को लेकर कितनी गंभीर है. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गेहूं की खरीद 15 मार्च से शुरू कर दी जाएगी. गेहूं खरीद की जमीन स्तर पर क्या स्थिति रहेगी. इसका पूरा लेखा केंद्र सरकार से तैयार किया जा रहा है.
10 करोड़ 95.9 लाख टन से घटकर 10 करोड़ 68.4 लाख टन रह गया
ओएमएसएस नीति के तहत, सरकार एफसीआई को थोक उपभोक्ताओं और निजी व्यापारियों को समय-समय पर खुले बाजार में पूर्व निर्धारित कीमतों पर खाद्यान्न, विशेष रूप से गेहूं और चावल बेचने की अनुमति देती है. इसका उद्देश्य मांग अधिक होने पर आपूर्ति को बढ़ाना तथा सामान्य खुले बाजार की कीमतों को कम करना है. देश में गेहूं उत्पादन, फसल वर्ष 2021-22 (जुलाई-जून) में पिछले वर्ष के 10 करोड़ 95.9 लाख टन से घटकर 10 करोड़ 68.4 लाख टन रह गया था. उत्पादन में कमी कुछ उत्पादक राज्यों में अचानक से गर्मी बढ़ने और लू चलने के कारण हुई.
30 लाख टन गेहूं बेचने की योजना की घोषणा की थी
इसमें कहा गया है, ई-नीलामी में बेचे जाने वाले गेहूं को उठाने और आटा बाजार में उपलब्ध कराने के बाद कीमतों में और गिरावट आना तय है. गेहूं की पेशकश 2,350 रुपये प्रति क्विंटल के आरक्षित मूल्य और भाड़ा शुल्क के साथ किया जा रहा है. पिछले महीने, सरकार ने गेहूं और गेहूं के आटे की कीमतों की लगाम लगाने के लिए ओएमएसएस के तहत अपने बफर स्टॉक से खुले बाजार में 30 लाख टन गेहूं बेचने की योजना की घोषणा की थी.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
![IOI](https://cdn.abplive.com/images/IOA-countdown.png)
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![अनिल चमड़िया](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/4baddd0e52bfe72802d9f1be015c414b.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)