Wheat Procurement In Punjab: देश के अलग अलग हिस्सों में गेहूं कटाई हो रही है तो वहीं, केंद्र सरकार की गाइडलाइन अनुसार गेहूं खरीद भी शुरू कर दी गई है. गेहूं खरीद कर रही प्रत्येक राज्य सरकार की कोशिश है कि गेहूं बेचते समय मंडी में किसानों को किसी तरह की परेशानी न होने पाए. उन्हें पैसा समय पर मिले. इसके लिए अब राज्य सरकारें सीधे किसानों के खाते में ही धनराशि भेज रही हैं. पंजाब सरकार की ओर से गेहूं खरीद कर जा रहे किसानों के खाते में धनराशि भेजने में तेजी दिखाई जा रही है. पंजाब सरकार की कवायद से राज्य के किसान बेहद खुश हैं. उन्होंने जल्द ही धनराशि भेजने के कदम की प्रदेश सरकार की सराहना की है. 


19642 किसानों के खाते में पहुंचे 502 करोड़ रुपये


पंजाब के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री लालचंद कटारूचक्क ने कहा कि पंजाब सरकार मंडियों में होने वाली गेहूं खरीद पर नजर बनाए हुए हैं. हर दिन की रिपोर्ट जिला स्तर के अधिकारियों से ली जा रही है. इसी के आधार पर किसानों के खाते में धनराशि भेजी जा रही है. पंजाब सरकार ने एक ही दिन में 19,642 किसानों के बैंक खातों में गेहूं की खरीद के लिए 2,125 रुपये प्रति क्विंटल की दर से एमएसपी धनराशि 502.93 करोड़ रुपये भेजे हैं. किसानों पर कोई वैल्यू कट नहीं लगाया गया है. शुक्रवार तक स्टेट में सरकारी एजेंसियां 8 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद कर चुकी हैं. 


गेहूं खरीद के नियमों में ये हुई ढील


बारिश से किसानों को हुए नुकसान को देखते हुए किसानों को कुछ ढील भी दी गई है. केंद्र सरकार ने प्रभावित राज्य पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा और राजस्थान में गेहूं खरीद के क्वालिटी नियमों में ढील दी है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने एकसमान विनिर्देशों के तहत 6 प्रतिशत की मौजूदा सीमा के मुकाबले 18 प्रतिशत तक सिकुड़े और टूटे हुए अनाज की सीमा में छूट दी है. 6 प्रतिशत तक सूखा और टूटे अनाज वाले गेहूं पर कोई मूल्य कटौती लागू नहीं होगी. 10 प्रतिशत तक बिना चमक वाले गेहूं पर भी कोई मूल्य कटौती लागू नहीं की जाएगी. वहीं, 10 प्रतिशत से 80 प्रतिशत तक चमक हानि वाले गेहूं पर एकसमान आधार पर 5.31 रुपये प्रति क्विंटल मूल्य की कटौती की जाएगी. इसके अलावा क्षतिग्रस्त और थोड़ा क्षतिग्रस्त अनाज दोनों को मिलाकर 6 प्रतिशत से अधिक न हो. 



देशभर में 11 लाख हेक्टेयर में फसल प्रभावित


एक आंकड़ें के अनुसार, इस साल मार्च में हुई बारिश से देशभर में 11 लाख हेक्टेयर में बोई गई गेहूं की फसल प्रभावित हो गई है. 1.82 लाख किसानों को फसली नुकसान हुआ है. केंद्र सरकार ने रबी मार्केर्टिंग सीजन 2023-24 में 341.50 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य तय किया है. जबकि पिछले साल ये लक्ष्य 444 लाख मिट्रिक टन था. इस बार गेहूं खरीद खासी कम हो रही है. ऐसे में कम गेहूं खरीद से खुद केंद्र सरकार परेशान है. घरेलू खपत का प्रबंधन करना भी केंद्र सरकार के लिए चुनौती होगा. 




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