Wheat Procurement: किसानों के खाते में 3 दिन में पहुंचेगा भुगतान, राज्य सरकार ने कर ली है पूरी तैयारी
उत्तर प्रदेश में किसानों से रबी सीजन की फसलों की खरीद की जा रही है. राज्य में मंडियों में गेहूं व अन्य फसलों की आवक कम है. इसको लेकर भी केंद्र सरकार के स्तर से कदम उठाए जा रहे हैं.
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Wheat Procurement: देश में गेहूं खरीद तेज गति से चल रही है. अधिकांश किसान अपने खेतों से गेहूं की कटाई कर चुके हैं. उन्हें बेचने के लिए मंडी ले गए हैं, जो नहीं ले जा पाए हैं. वो भी ले जा रहे हैं. वहीं, राज्य सरकारों के स्तर से भी गेहूं खरीद का आंकड़ा लगातार जुटाया जा रहा है. पंजाब, हरियाणा में गेहूं खरीद की स्थिति अच्छी बताई जा रही है. हालांकि उत्तर प्रदेश, बिहार में गेहूं खरीद बेहद सुस्त बनी हुई है. अब उत्तर प्रदेश सरकार ने गेहूं खरीद बढ़ाने की कवायद तेज कर दी है. राज्य सरकार की कोशिश है कि किसानों का अधिक से अधिक गेहूं एमएसपी पर बिके. उन्हें अच्छे दाम मिल सके.
उत्तर प्रदेश मुख्य सचिव ने की खरीद की समीक्षा
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र राज्य के सभी कमिश्नर, डीएम के साथ गेहूं, दलहन, तिलहन, ज्वार और बाजरा खरीद की समीक्षा की. समीक्षा में मुख्य सचिव ने कहा कि मंडी आ रहे किसानों से हर हाल में गेहूं खरीद की जाए. उनको गेहूं का भुगतान 3 दिन के अंदर ही कर दिया जाए.
मंडी में गेहूं बेचने कम पहुंच रहे किसान
उत्तर प्रदेश में एक अप्रैल से रबी फसलों की खरीद शुरू हो गई है. राज्य सरकार कोशिश कर रही है कि अधिक से अधिक किसान मंडी में गेहूं व अन्य फसलों को बेचने के लिए पहुंचे. लेकिन जमीन पर ऐसा होता नहीं दिख रहा है. बहुत कम किसान मंडी में गेहूं व अन्य फसल बेचने के लिए पहुंच रहे हैं. स्थानीय एक्सपर्ट का कहना है कि बारिश के कारण हुई कटाई में देरी का असर भी खरीद पर पड़ा है. वहीं, व्यापारी सरकारी कांटे के बजाय मंडी का रुख का भी कर रहा है. इसी कारण सरकारी खरीद कम हो रही है.
क्वालिटी कम, तब भी खरीदें गेहूं
मुख्य सचिव ने कहा कि बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की फसलें प्रभावित हुई हैं. गेहूं भीगने के कारण किसान भी परेशान हैं. राज्य सरकार ने खरीद प्रक्रिया के यूआरएस मानक में ढील कर दी है. इससे किसानों से कम गुणवत्ता वाला गेहूं भी खरीद लिया जाएगा. इससे किसान मंडी में गेहूं बेचने के लिए प्रोत्साहित होंगे. उन्होंने काह कि राज्य में मोबाइल क्रय केंद्रों के माध्यम से भी गेहूं खरीद करने की व्यवस्था की गई है. इसका लाभ किसान ले सकते हैं.
उत्तर प्रदेश में ये है खरीद की स्थिति
राज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में रबी फसलों की उपज के 6 हजार क्रय केन्द्र शुरू करने का लख्य था, जबकि 5729 क्रय केन्द्र खोलने की अनुमति दी जा चुकी है. सरकारी खरीद के लिए 1,48,389 किसान पोर्टल पर पंजीकरण करा चुके हैं. इनमें से 1,21,950 किसानों का पंजीकरण हो चुका है. वहीं, 4381 क्रय केन्द्रों पर रबी फसलों की सरकारी खरीद शुरू कर दी गई है. प्रदेश में 31,105 किसानों से 1.37 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा जा चुका है. खरीद के सापेक्ष 240.65 करोड़ रुपये से अधिक किसानों को पैमेंट कर दिया गया है.
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