Wheat Procurement In UP: रबी सीजन में मार्च में हुई बारिश ने गेहूं, सरसों की फसलों को बहुत अधिक नुकसान पहुंचाया है. हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश में किसानों की बहुत अधिक फसलें बर्बाद हुई हैं. गेहूं भीगने के कारण किसानों के सामने उन्हें बेचने का संकट खड़ा हो गया है. वहीं, किसानों की परेशानी को देखते हुए केंद्र एवं राज्य सरकार नियमों में ढील देने में लगी हुई है. किसानों के भीगे हुए गेहूं को भी कुछ शर्ताें के आधार बेचने की अनुमति दी गई है. किसान भी उन्हें बेचने के लिए पहुंच रहे हैं.
यूपी में होगी सिकुड़े, टूटे गेहूं की खरीद
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार ने टूटे, सिकुड़े और हलकी नमी वाले गेहूं को कुछ शर्ताें पर खरीद की अनुमति दे दी है. एजेंसियों ने शर्तें बताई हैं कि गेहूं के दाने 18 फीसदी से अधिक टूटे और सिकुड़े हुए नहीं होेने चाहिए. गेहूं अधिक टूटे और सिकुड़े हुए नहीं होने चाहिए.
6 प्रतिशत तक खरीदा जाता था गेहूं
केंद्र सरकार की पहली गाइडलाईन के अनुसार, 6 प्रतिशत से अधिक टूटे-फूटे और सिकुड़े गेहूं के दानों को नहीं खरीदा जाता था, लेकिन इस साल इस नियम में और ढील देकर मानक प्रतिशत 18 कर दिया गया है. अधिकारियों का कहना है कि जिन किसानों के गेहूं अधिक भीग गए हैं. वो भी अपने गेहूं एमएसपी पर बेच सकेंगे. खरीद मानक में हुए इस बदलाव को केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने यूपी के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग को को अपना सहमति पत्र भेज दिया है. यूपी गवर्नमेंट ने इसे तुरंत लागू करने के निर्देश दिए हैं.
ऐसे तैयार किया गया नियम
केंद्र सरकार की गाइडलाइन अनुसार, 6 प्रतिशत तक गेहूं का दाना टूटा, सिकुड़ा होता है तो किसी तरह की कटौती नहीं होगी. 6 से 8 प्रतिशत तक टूटे व सिकुड़े होने पर 5.31 रुपये प्रति क्विंटल की कटौती होगी. 8 से 10 प्रतिशत तक 10.62 रुपये प्रति क्विंटल, 10 से 12 प्रतिशत पर 15.93 रुपये, 12 से 14 प्रतिशत पर 21.25 रुपये प्रति क्विंटल, 14 से 16 प्रतिशत पर 26.56 रुपये प्रति क्विंटल और 16 से 18 प्रतिशत तक दाने टूटे व सिकुड़े होने पर 31.87 रुपये प्रति क्विंटल की दर से कटौती की जाएगी.
चमक कम होने पर ये होगी कटौती
केंद्र सरकार ने कहा कि गेहूं का दाना यदि 18 प्रतिशत से अधिक टूटा और सिकुड़ा हुआ है तो गेहूं नहीं खरीदा जाएगा. यदि दाने की चमक 10 प्रतिशत से 80 प्रतिशत तक कम है तो भाव में प्रति क्विंटल 5.31 रुपये की दर से कटौती की जाएगी. वहीं 10 प्रतिशत तक कम चमक वाले गेहूं की कीमतों में कोई कटौती नहीं होगी.