Wheat Production: केंद्र सरकार ने दी ये बड़ी राहत, इस साल गेहूं उत्पादन पर नहीं पड़ेगा गर्मी का असर
देश के बड़े हिस्से में गेहूं की बुवाई हो चुकी है. केंद्र सरकार गेहूं उत्पादन पर नजर बनाए हुए है. इस साल बढ़ी गर्मी से गेहूं उत्पादन प्रभावित होने की बात कही जा रही थी. लेकिनकेंद्रसरकार ने अब राहत दी है
Wheat Production In India: पिछला साल गेहूं की पैदावार और खपत के मामले में बेहतर नहीं रहा है. पिछले साल जहां लू ने गेहूं उत्पादन का खेल बिगाड़ दिया. वहीं, बाद में हुए रूस-यूक्रेन युद्ध और भारत सरकार की ओर से निर्यात बढ़ाने के कारण देश में गेहूं की घरेलू खपत कम पड़ गई. इसका असर देश में गेहूं और आटे की कीमतों पर देखने को मिला. हालांकि केंद्र सरकार अब गेहूं की कीमत कम करने को लगातार कदम उठा रही है. इस साल भी गेहूं के बाजार पर केंद्र सरकार की निगाहें टिकी हुई हैं. इस बार देश में गेहूं की बंपर पैदावार होने की पूरी उम्मीद है. केंद्र सरकार ने इसी से जुड़ी एक और बड़ी राहत दी है.
गर्मी का गेहूं पर नहीं पड़ेगा असर
अभी तक यही डर सता रहा था कि गर्मी इस साल भी गेहूं की सेहत बिगाड़ सकती है. लेकिन केंद्र सरकार ने इस संबंध में राहत दी है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय खाद्य निगम (FCI) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अशोक के मीणा से हाल में पूछा गया था कि क्या तापमान का प्रभाव गेहूं की फसलों पर देखने को मिल सकता है. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि अभी तक गेहूं पर गर्मी का कोई प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है. वहीं, उन्होंने निर्यात को लेकर भी स्पष्ट कर दिया कि केंद्र सरकार ने गेहूं निर्यात पर जो प्रतिबंध लगाया है. वह जारी रहेगा.
देश में रिकॉर्ड गेहूं उत्पादन का अनुमान
कृषि मंत्रालय ने हाल में फसल वर्ष 2023-24 (जुलाई-जून) में गेहूं उत्पादन के अनुमान जारी किए हैं. अनुमानित आंकड़ों के अनुसार, इस साल देश में 11 करोड़ 21.8 लाख टन रिकॉर्ड गेहूं उत्पादन हो सकता है. वहीं, गेहूं खरीद सत्र मार्च 2023-24 से शुरू होने वाला है. केंद्र सरकार की खरीद सामान्य स्तर पर 3 से 4 करोड़ टन होगी. पिछले साल की तुलना में बहुत अधिक रहेगी.
गेहूं की कीमतों में आई कमी
केंद्र सरकार ने गेहूं की कीमतों में कमी लाने के लिए 50 लाख टन गेहूं खुले बाजार में उतारने का एलान किया है. ई-नीलामी के पहले तीन दौरों में भारतीय खाद्य निगम (FCI) ने थोक उपभोक्ताओं को 18.05 लाख टन गेहूं बेच दिया है. इसमें 11 लाख टन बोली लगाने वालों ने उठा लिया है. केंद्र सरकार की कवायद का जमीन पर यह असर हो रहा है कि गेहूं की थोक कीमत में गिरावट देखने को मिली है. गेहूं के भाव जहां थोक भाव ही 3500 से 4000 रुपये प्रति क्विंटल पहुंच गए थे. वहीं, अब यह अधिकांश मंडियों में 2,200-2,300 रुपये प्रति क्विंटल ही रह गए हैं.
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