Wheat Mustard Procurement: भारत में गेहूं का बहुत उत्पादन होता है. दुनिया में गेहूं के उत्पादन में भारत चौथे नंबर पर है. किसानों द्वारा सरकार मंडियों से गेहूं की खरीद करती है. लेकिन इस बार गेहूं की खरीद में बेहद गिरावट आई है. जो काफी चौंकाने वाली बात है.
देशभर में गेहूं की खरीदी में 37 फीसदी की गिरावट आई है. पिछले साल से साल की तुलना की जाए तो अब तक मात्र 13 फीसदी गेहूं की ही खरीद हो पाई है. आखिर इसके पीछे क्या कारण है. तो देश में क्या है सरसों की खरीद का हाल. चलिए जानते हैं.
इस वजह से गेहूं की खरीद में आई कमी
इस साल 18 अप्रैल तक देश भर में कुल 60.58 लाख टन गेहूं खरीदा गया. इस मामले में साल 2023 की बात की जाए तो यहां आंकड़ा 95.36 लाख टन था. दोनों सालों को एक दूसरे से कंपेयर किया जाए तो फिलहाल 35 लाख टन की कमी है. तो पिछले साल आवक 130.97 लाख टन थी.
तो वहीं इस साल 18 अप्रैल तक आवक 86.30 लाख टन ही है. गेहूं की खरीद में आई है भारी कमी को लेकर किसानों का कहना है की बारिश के चलते फसल प्रभावित हुई है. और इस वजह से ज्यादा मात्रा में गेहूं मंडियों में नहीं आ सका है. जैसे ही फसल की कटाई में तेजी आएगी. मंडियों में गेहूं की आवक भी तेज हो जाएगी.
सरसों की बिक्री नहीं हुई प्रभावित
इस साल सरसों का उत्पादन अच्छी मात्रा में हुआ है. सरकार भी इस साल सरसों की खरीदी में और इजाफा कर रही है. सरकार का लक्ष्य साल ज्यादा से ज्यादा सरसों एमएससी पर खरीदना है. यानी इस साल जिन्होंने सरसों की बंपर खेती की है उन्हें अच्छा मुनाफा हो सकता है.
पिछले साल रबी मार्केटिंग सीजन में मध्य प्रदेश असम राजस्थान और उत्तर प्रदेश इस राज्यों में सरसों को एसपी पर खरीदा गया था. इस दौरान को 28.24 लाख मैट्रिक टन की खरीद हुई थी. साल 2024 की रवि मार्केटिंग सीजन के लिए सरकार ने सरसों पर एसपी मूल्य 5650 प्रति क्विंटल तय किया है. जो पिछले सीजन से ₹200 ज्यादा है. किसानों को इस साल अपने सरसों का सही दाम मिल जाएगा.
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