Home Gardening: इन रंग-बिरंगे, खुशबूदार फूलों से सजाएं अपना विंटर गार्डन, बालकनी से लेकर हॉल में भी लगा सकते हैं ये पौधे
Urban Farming: ये पौधे खास सर्दियों में ही लगाए जाते हैं, जनके फूल फरवरी तक खूब फूलते हैं. आप चाहें तो इन्हें अपने घर के आंगन से लेकर छत, बालकनी या फिर खुले हॉल में भी लगा सकते हैं.
Winter Flower Plants: शहरों में गार्डनिंग का ट्रेंड बढ़ता जा रहा है. अब गार्डनिंग के शौकीन लोग कम जगह या बालकनी में भी फल, फूल, सब्जियां उगा रहे हैं, जो गार्डनिंग नहीं भी जानते वो कम से कम फूलदार पौधे तो लगा ही सकते हैं. आज हम आपको बताने जा रहे हैं सर्दियों में उगने वाले खास फूलदार पौधों के बारे में, जो ना सिर्फ घर के लिए लकी होते हैं, बल्कि घर की सकारात्मकता को बढ़ाकर हर कोना खूबसूरत बना सकते हैं. ये पौधे खास सर्दियों में ही लगाए जाते हैं, जनके फूल फरवरी तक खूब फूलते हैं. आप चाहें तो इन्हें अपने घर के आंगन से लेकर छत, बालकनी या फिर खुले हॉल में भी लगा सकते हैं.
गेंदा की गार्डनिंग
भारत के सबसे लोकप्रिय फूलों में गेंदा का नाम टॉप पर आता है. ये फूल दिखने में जितना सुंदर होता है, घर को भी अपनी महक से गुलजार रखता है. आमतौर पर गेंदा का पौधा सभी घरों में मिल ही जाता है. बस इसकी सही देखभाल करने की खास जरूरत होती है. अगर आप घर पर गेंदा का नया पौधा लगाना चाहते हैं तो देसी या हाइब्रिड वैरायटी चुन सकते हैं. गेंदा की देसी किस्मों को फूल छोटे होते हैं, लेकिन हाइब्रिड वैरायटी के फूल काफी बड़े होते हैं. ये पूरे सीजन खिलते हैं. आप चाहें तो बीज लगाकर पौधा उगा सकते हैं या सीधा पौधा खरीदकर भी अपने घर को गुलजाार बना सकते हैं. बीज सहित पौधा तैयार होने में 10 दिन का समय लग जाता है.
गुलदाउदी की गार्डनिंग
सर्दियों के मौसम में खिलने वाले सबसे खूबसूरत फूलों में गुलदाउदी का पौधा भी शामिल है. इस पौधे को उगाना भी बेहद आसान है. आप चाहें तो इस कलम या कटिंग/ग्राफ्टिंग विधि से उगा सकते हैं. कलम से गुलदाउदी का पौधा निकलने में 20 दिन का समय लग ही जाता है और 30 दिन के अंदर इसमें फूलवारी भी आ जाती है. इसके प्लांट मिक्स के लिए वर्मीकंपोस्ट, रेत, मिट्टी या कोकोपिट भी डाल सकते हैं. बता दें कि इस फूल को सूरज की रौशनी चाहिए होती है, इसलिए किसी खिड़की के पास या बालकनी में गुलदाउदी का पौधा लगा सकते हैं. ये पौधा 20 से 25 रुपये में किसी भी नर्सरी से खरीद सकते हैं.
गुलाब की गार्डनिंग
गुलाब को फूलों का राजा यूंही नहीं रहते. ये आपके घर की शोभा भी बढ़ा सकता है. ये डिपेंड करता है कि आप गुलाब की कौन-सी वैरायटी लगा रहे हैं. गुलाब का पौधा लगाना सबसे आसान है. इसके लिए कलम खरीदकर प्लांट मिक्स के साथ लगा सकते हैं, जिसके महीने भर के अंदर ही कलियां बनने लगती हैं. अक्टूबर-नवंबर का महीना ही गुलाब लगाने के लिए सबसे अच्छा रहता है. आप चाहें तो दो अलग-अलग रंगों की कलम से ग्राफ्टिंग करके भी एक सुंदर और रंग-बिरंगा पौधा तैयार कर सकते है. गुलाब को खिलने के लिए भी सूरज की रौशनी लगती है, इसलिए गुलाब को घर के आंगन या छत पर लगाएं.
सूरजमुखी की गार्डनिंग
सूरजमुखी का पौधा भी सर्दियों में लगाया जाता है. सितंबर से लेकर अप्रैल पर सूरजमुखी का फूल खिलता है. सूरजमुखी उगाने के लिए बीज सहित भी पौधा तैयार कर सकते हैं या फिर इसका रेडीमेड पौधा खरीदें. गमले में इसका बीज लगाने से पहले बड़े गमले में प्लांट मिक्स तैयार करें. इसके बाद सूरजमुखी के बीज को पानी में डालकर 24 घंटे के बाद गमले में लगा दें. इसके बीज से पौधा निकलने में 10 से 15 दिन का समय लग जाता है. इस प्लांट को खुले वातावरण में रखें, जिससे सूरज की धूप मिल सके. सूरजमुखी का फूल 3 से 4 महीने तक खिलता है. इसके बाद फूल मुरझाने पर इसके बीजों को निकाल सकते हैं. इससे आप अगले सीजन में पौधा लगाएं या फिर स्नैक्स के तौर पर भी खा सकते हैं.
पेटूनिया की गार्डनिंग
सर्दियों के मौसम की खूबसूरती को बढ़ाने के लिए घर पर पेटूनिया का फूलदार पौधा लगाएं. बता दें कि ये फूल सिर्फ सर्दियों में ही खिलते हैं. ये सफेद, पीला, गुलाबी, और डार्क बैंगनी रंग का होता है. आप घर पर इन सभी वैरायटी को साथ में लगाकर गार्डन को और भी खूबसूरत बना सकते हैं. पेटूनिया के खिलने का समय सिर्फ सर्दियों तक ही होता है, इसलिए बीज सहित उगाने के बजाए इसका पौधा खरीदकर लगा सकते हैं. नर्सरी से पौधा खरीदने के बाद घर पर ही प्लांट मिक्स तैयार करें. 50% सामान्य मिट्टी, 40% गोबर की खाद या वर्मीकम्पोस्ट, 10% रेत को मिलाकर गमले में डालें. अच्छी ग्रोथ के लिए नीम या सरसों की खली भी डाल सकते हैं. समय-समय पर फूलदार पौधों को पानी दें. इस तरह मार्च तक आप अपने साधारण से गार्डन को एक फूलदार विंटर गार्डन में तब्दील कर सकते हैं.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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