Honey Processing: इस स्कीम की मदद से महिला किसान ने लगाई शहद की, अब रोजाना निकल रहा 4-5 क्विंटल ताजा शहद
Honey Farming: बिहार के बांका जिले की आर्या 2019 से मधुमक्खी पालन कर रही हैं. आर्या ने जीविका की मदद से शहद प्रोसेसिंग यूनिट का निर्माण करवाया, जिससे आज शहद की प्रोसेसिंग और मार्केटिंग आसान हो गई है.
Honey Processing Unit: क्या आप जानते हैं कि परंपरागत खेती के जरिए भी किसान अपनी आय को दोगुना कर सकते हैं. जी हां, इस काम में मधुमक्खियां मददगार साबित होती हैं. छोटे किसानों के लिए तो मधुमक्खियां एटीएम से कम नहीं है. ये मजदूर बिना किसी लागत में फसलों की उत्पादकता बढ़ाते ही है, शहद का उत्पादन देकर किसानों की आय को दोगुना करने में भी मदद करते हैं. आज देश के ज्यादातर इलाकों में पारंपरिक फसलों से लेकर बागवानी फसलों के साथ भी मधुमक्खी पालन किया जा रहा है. महिला किसानें भी आगे आकर इस क्षेत्र में अपना योगदान दे रही हैं. बिहार की महिला किसानों ने भी अब मधुमक्खी पालन को एक्सट्रा इनकम का सोर्स बना लिया है. इन महिला किसानों में बिहार के बांका जिले की आर्या भी शामिल हैं, जो साल 2019 से मधुमक्खी पालन कर रही हैं.
मधुमक्खी पालन से बनी आत्मनिर्भर
बांका जिले में मधुमक्खी पालन के साथ-साथ जीविका की मदद से शहद की प्रोसेसिंग यूनिट लगाने वाली महिला किसान आर्या बताती हैं कि उन्होंने साल 2019 में 10 बक्सों के साथ मधुमक्खी पालन की शुरुआत की. जब धीरे-धीरे मुनाफा बढ़ने लगा तो इस क्षेत्र का विस्तार किया और 50 बक्सों से लेकर 100 नए बक्से लगाए.
बाजार में मिल रहे अच्छे दाम
आर्या बताती हैं कि लोकल मार्केट में भी शहद बेचकर अच्छी आय हो रही है. बाजार में प्रसंस्कृत शहद को बेचने में किसी भी तरह की परेशानी नहीं होती. आर्या की मानें तो जीविका समूहों की मदद से इस काम को सुविधाजनक तरीके से करने में खास मदद मिल रहा है. अब बाजार मांग के हिसाब से शहद की आपूर्ति कर दी जाती है, जबकि पहले मांग के हिसाब से शहद उपलब्ध करवाना मुश्किल हो जाता था.
2019 से मधुमक्खी पालन कर रही बांका की आर्या ने बताया जीविका की मदद से शहद बनने के लिए प्रोसेसिंग यूनिट का निर्माण कराया गया है जिससे उन्हें शहद बनाने में बहुत ही आसानी होती है।#समाधान_यात्रा#समाधान_यात्रा_2023#SamadhanYatra#SamadhanYatra2023 pic.twitter.com/uJj6EepDcV
— IPRD Bihar (@IPRD_Bihar) February 7, 2023
सरकार के सहयोग से लगाई यूनिट
आर्या ने बांका जिले स्थित अपने गांव में ही शहद की प्रोसेसिंग यूनिट लगाई है. इससे पहले घर पर ही पारंपरिक तरीके से शहद का निष्कासन किया जाता था, लेकिन जैसे-जैसे मधुमक्खी पालन का दायरा बढ़ता गया, घरेलू प्रोसेसिंग में भी दिक्कतें आने लगीं. इसके बाद सरकार के सहयोग से शहद की प्रसंस्करण इकाई लगाई गई. इस यूनिट में रोजाना 4 से 5 क्विंटल साफ-शुद्ध तरीके से शहद का प्रसंस्करण हो रहा है. इस शहद को बाजार में भी अच्छे दाम मिल रहे हैं.
यह भी पढ़ें- अब सालभर खाएं आम....नई वैरायटी से ऑफ सीजन में भी मिलेंगे भरपूर फल, साल में 3 बार मिलेगा जबरदस्त उत्पादन