Poultry Farming in India: भारत में प्रोटीन के तौर पर अंडे की खपत बढ़ती जा रही है. अब लोग राशन की तरह ही अंडे का भी सेवन कर रहे हैं. इसकी बढ़ती खपत से अंदाजा लगा सकते हैं कि पोल्ट्री फार्म बिजनेस करके कितनी अच्छी कमाई हो सकती है. कोरोना महामारी के समय भी जब सारे काम-धंधे चौपट हो गए थे, तब खेती, पशुपालन और पोल्ट्री फार्मिंग (Poultry Farming) के जरिये लोगों ने काफी अच्छा मुनाफा कमाया.


आज ये सिर्फ कमाई का ही साधन नहीं है, बल्कि किसानों को आत्मनिर्भर और युवाओं  के रोजगार का जरिया बन चुका है. अब सिर्फ गांव में ही नहीं, बल्कि शहरों के नजदीकी ग्रामीण इलाकों में भी अंडे का उत्पादन (Egg Production) लेने के लिए पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस कर रहे हैं. आज विश्व अंडा दिवस यानी वर्ल्ड एग डे (World Egg Day 2022) पर जानिए अंडे से कमाई का रास्ता कैसे भविष्य में सफलता की तरफ ले जाता है.


बढ़ रही है अंडे की डिमांड


सर्दी हो या गर्मी, लोग अंडों का सेवन जरूर करते हैं. भारत में इसकी खपत साल भर रहती है. पोषण से भरपूर से अंडा शरीर को चुस्त-दुरुस्त बनाने में काफी हेल्पफुल है. खासकर भागदौड़ भरी जिंदगी में जब लोग अपने खान-पान का ध्यान नहीं रख पाते, तब अंडे ही उनकी सेहत को बिगड़ने से रोक रहे हैं. इसका मार्केट सितंबर से जोर पकड़ता है और जून तक बाजार में अंडों की डिमांड बढ़ जाती है. भारत में ज्यादातर लोग सर्दियों में अंडों का सेवन करते हैं, इसलिए जुलाई-अगस्त के बीच पोल्ट्री फार्म शुरू करने की सलाह दी जाती है.


एक मुर्गी से मिलेंगे 360 अंडे


पोल्ट्री फार्म शुरू करने से पहले खर्च से लेकर कमाई तक का हिसाब-किताब समझ लेना चाहिए. एक अनुमान के मुताबिक, पोल्ट्री फार्मिंग के लिए मुर्गियां खरीदने के बजाय चूजों को खरीदना चाहिए. एक चूजा करीब 5 रुपये तक का आता है, जिसका वजन 35 ग्राम होता है. अगले चार महीने तक चूजों की देखभाल करनी होती है. इस बीच ये 3 किलो तक दाना खा लेते हैं.


इसके बाद 16 हफ्तों के अंदर ही चूजा वयस्क होकर मुर्गी बन जाता है और अंडों का उत्पादन देता है. एक मुर्गी अपने 72 हफ्ते के व्यावसायिक जीवनकाल में 360 अंडे देती है. ये मुर्गियां 2 से 3 साल जीती हैं, लेकिन जब अंडों का उत्पादन नहीं मिलता तो इसका इस्तेमाल मांस के तौर पर करते हैं. इस तरह जाते-जाते भी ये मुर्गियां पोल्ट्री व्यावसाय में चार चांद लगा जाती हैं. 


मुर्गियों की देखभाल


अब मुर्गियों से अंडों का अच्छा उत्पादन चाहिए, तो उनकी देखभाल पर भी कुछ खर्च करना ही पड़ेगा. इसमें साफ-सफाई से लेकर टीकाकरण और मुर्गियों के दाने का खर्च भी शामिल होता है. एक मुर्गी अंडा देने के लिए रोजाना 110 ग्राम दाना खाती है, जो बाजार में 22 रुपये प्रति किलोग्राम के दाम पर बिकता है. इसके अलावा, चूजे से मुर्गी बनने तक करीब 150 रुपये के दाने की खपत होती है. वहीं एक मुर्गी को 0.8 वर्ग फुट जगह चाहिए होती है. इस तरह केज पोल्ट्री फार्मिंग करके 150 रुपये प्रति वर्गफुट का खर्च आ जाता है.


खर्चा और आमदनी


पोल्ट्री फार्म खोलने के लिए कई सरकारी योजनाएं चलाई जा रही है. आप चाहें तो किसी बैंक से लोन लेकर या फिर पोल्ट्री के लिए कांट्रेक्ट फार्मिंग भी कर सकते हैं. इस तरह पोल्ट्री फार्म शुरू करने का खर्चा लगभग आधा हो जाता है.


वहीं पोल्ट्री फार्म में मुर्गियों से एक अंडा तैयार करने में करीब 3.50 रुपये से लेकर 4 रुपये तक की लागत आती है. इसमें मुर्गियों को दाना, उनकी देखभाल आदि शामिल है, लेकिन बाजार में यही अंडा 5 से लेकर 10 रुपये तक की कीमत पर बिकता है. अंडे के दाम पूरी तरह से मुर्गी की प्रजाति पर निर्भर करते हैं. साधारण देसी मुर्गियों के अलावा कड़कनाथ का अंडा 30 रुपये प्रति पीस बिकता है.


पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस उसी विचारधारा का हिस्सा है, जिसमें बताया जाता है कि जितना पैसा डालोगे, उतना मुनाफा होगा. उसी तरह पोल्ट्री फार्मिंग के लिए जितना बड़ा बिजनेस, जितनी अच्छी मुर्गी की प्रजाति और देखभाल होगी, उतना ही ज्यादा पैसा कमा सकेंगे.


एक अनुमान के मुताबिक, 10,000 लेयर बर्ड के साथ पोल्ट्री फार्म शुरू करने पर एक महीने में 3 लाख तक कमा सकते हैं. एक बार पोल्ट्री फार्म शुरू करने पर अगले 4 महीने में  रोजाना 10,000 रुपये की कमाई तय है.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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