टमाटर ने इंडिया को रुलाया अब चावल दुनियाभर को रुलाएगा! इस वजह से होने जा रही है खाने से जुड़ी ये दिक्कत
भारत में साल 2021-22 में 129,471 टन चावल का उप्तादन हुआ था. वहीं साल 2022-23 में भारत में चावल का उत्पादन 136,000 टन के करीब हुआ था.
चावल खाने वालों की तादाद दुनिया में रोटी खाने वालों से कहीं ज्यादा है. भारत में भी ज्यादातर लोग आपको ऐसे मिल जाएंगे जो अगर एक बार दिन में चावल ना खाएं तो उनको तृप्ति नहीं होती. हालांकि, अब चावल के शौकीन लोगों को दिक्कत होने वाली है. ऐसा इसलिए क्योंकि इस बार दुनियाभर में चावल का उत्पादन कम हुआ है, यही वजह है कि भारत ने अब चावल के एक्सपोर्ट पर बैन लगा दिया है. इस बैन की वजह से अब देश के बाहर रहने वाले भारतीय लोग भारतीय चावल नही खा पाएंगे, जिस वजह से अमेरिका और कनाडा के बाजार में बवाल मच गया है. दरअसल, वहां मौजूद एनआरआई अब बाजार से भारतीय चावलों को खरीद कर जमा करने लगे हैं ताकि भविष्य में इसके स्वाद का लुत्फ उठा सकें.
ये राइस क्राइसिस क्यों हो रही है?
इस वक्त पूरी दुनिया चावल की गंभीर समस्या से जूझ रही है. दरअसल, फिच सॉल्यूशंस ने एक रिपोर्ट जारी करते हुए बताया कि चावल के बड़े उत्पादक देशों में चावल का प्रोडक्शन तेजी से घटा है. उससे भी बड़ी बात ये है कि आने वाले समय में चावल उत्पादन का ग्राफ नीचे ही जाता दिखाई दे रहा है. खासतौर से चीन, अमेरिका और यूरोपीय संघ में चावल का उत्पादन पहले के मुकाबले काफी ज्यादा घटा है. आपको बता दें, फिच सॉल्यूशंस के कमोडिटी एनालिस्ट चार्ल्स हार्ट के मुताबिक, इस साल बाजार में चावल की लगभग 1.86 करोड़ टन की कमी हुई है.
उत्पादन की कमी के पीछे का कारण क्या है
चावल के उत्पादन की कमी के बड़े कारणों की बात करें तो इनमें, रूस-यूक्रेन का युद्ध, चीन और पाकिस्तान जैसे चावल उत्पादक देशों में खराब मौसम, और क्लाइमेट चेंज बड़े कारण हैं. अब जब दुनियाभर में चावल की कमी है तो भारत से व्यापारी अच्छी कीमत पर चावल बाहर के देशों में एक्सपोर्ट करेंगे. लेकिन अगर ये एक्सपोर्ट ज्यादा हो जाएगा तो देश में चावल की कीमतें आसमान छूने लगेंगी. इसी वजह से सरकार ने पहले ही चावलों के एक्सपोर्ट पर बैन लगा दिया है. यानी अब भारत से चावल बाहर नहीं जा पाएगा और भारत में इसकी कीमतें ज्यादा नहीं बढ़ेंगी.
भारत में कितना होता है चावल?
यूएस डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर की रिपोर्ट की मानें तो भारत में साल 2021-22 में 129,471 टन चावल का उप्तादन हुआ था. वहीं साल 2022-23 में भारत में चावल का उत्पादन 136,000 टन के करीब हुआ था. जबकि, 2023-24 में ये उत्पादन कम हो कर 134,000 टन हो गया. हालांकि, इसके बावजूद बाकी के देशों के मुकाबले भारत की स्थिती ठीक है.
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