Animal Husbandry in Inflation: दुधारू पशु को किसान और पशुपालकों की बहुमूल्य संपत्ति कहते हैं. पशुओं के हितधारक कई सालों की कमाई और मेहनत से पशुओं को खरीदते हैं और अपने बेहतर भविष्य के लिये पशुओं की देखभाल में निवेश (Investement in Cattles) करते हैं. भारत में पशुपालन और डेयरी फार्मिंग व्यवसाय (dairy Farming Business)तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन विदेशों में अभी भी ज्यादातर लोग सोना, चांदी, हीरे-जवाहरात और विलासिता जैसे ऐशों-आराम पर खर्च करते हैं.


दक्षिण अफ्रीका के जिम्बाब्वे देश में लोगों ने जमापूंजी (Savings of South Africans) को इकट्ठा करने का नया रास्ता अपनाया है. यहां लोगों ने महंगाई के दौर में सोना-चांदी और बैंकों में पैसा बचाने के स्थान पर गाय-भैसों की खरीद (Cattles Purchase in Zimbabwe) को तवज्जो दी है.


बैंकों से उठ गया भरोसा
इस समय जिम्बाब्बे की अर्थव्यवस्था की हालत काफी खराब है. इस मंहगाई के कारण यहां के नागरिक अपनी 20 सालों की जमापूंजी और पेंशन बैंकों में सहेजने के कारण खो चुके हैं. दरअसल बैंकों में पैसा बचाने से लोगों की जमापूंजी में गिरावट आ रही है, जिसके कारण यहां के नागरिकों का बैंकों पर से भरोसा भाी उठता जा रहा है.


यही कारण है कि अब ज्यादातर लोग सोना, चांदी,  विलासिता या फिर बैंकों में निवेश करने के बजाय गाय-भैसों को खरीदकर अपनी भविष्य सुरक्षित कर रहे हैं. आने वाले समय में मवेशियों में निवेश करना जिम्बाबवे के नागरिकों के लिये फायदे का सौदा साबित भी होगा.




जिंबाब्वे में मंहगाई ने तोड़ा रिकॉर्ड
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो जून 2022 में जिम्बाब्वे की मंहगाई दर करीब 192% दर्ज की गई थी. सबसे आश्चर्यजनक बात तो यह है कि कुछ समय पहले जिम्बाब्वे में सोने के सिक्के भी लॉन्च किये गये, लेकिन लोगों ने इन्हें  खरीदने में रुचि नहीं दिखाई. एक्सपर्ट भी मवेशियों की खरीद को सोने में निवेश करने से बेहतर विकल्प बता रहे है.


बता दें जिम्बाबवे देश में मवेशियों पर आधारित कई यूनियन ट्रस्ट है, जिन्हें लोग मजाक में रंभाती बैंक भी कहते हैं. ऐसी ही एक यूनियन ट्रस्ट कंपनी सिल्वरबैंक एसेट मैनेजर्स के सीईओ टेड एडवर्ड्स बताते हैं कि सोना खरीदने के बजाय गायें कुछ लोगों के लिए ज्यादा सुरक्षित विकल्प है. इसके लिये उनकी कंपनी ने एक यूनिट ट्रस्ट इनवेस्टमेंट फंड भी बनाया है.


मवेशियों ने घेरा अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा
जानकारी के लिये बता दें कि जिम्बाब्वे की जीडीपी का 35% से 38% हिस्सा मवेशी आधारित क्षेत्र से संबंधित है. महंगाई के कारण पशुओं में निवेश करना यहां के लोगों के लिये कोई ट्रेंड नहीं है, बल्कि दक्षिण अफ्रीका में अपनी जमापूंजी बढ़ाने के लिये मवेशियों में निवेश (Animal Investment in South Africa) करने की परंपरा काफी पुरानी है. फिलहाल, जिम्बाब्वे की लोकल करेंसी का इस्तेमाल करके लोग गायों के निवेश फंड में पैसा लगा रहे हैं.


बता दें कि मवेशियों में निवेश (Animal Investment in Zimbabwe) करना अच्छा विकल्प हो सकता है, लेकिन इसमें भी काफी जोखिम होते हैं. ये ठीक वैसा ही है, जैसे बैंकों में रखा पैसा मुद्रास्फीति (Inflation in Zimbabwe) के दौरान किसी काम का नहीं रहता. वैसे ही यदि देश में सूखा या पशुओं की बीमारियां फैलने पर काफी नुकसान झेलना पड़ सकता है.  


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.


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