Shani Dev: शनि देव का नाम सुनकर लोग भयभीत हो जाते हैं. ज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह को एक क्रूर ग्रह बताया गया है. शनि को नवग्रहों में न्यायाधीश का दर्जा प्राप्त है. यानि शनि देव व्यक्ति को कर्मों के आधार पर ही अच्छे और बुरे फल प्रदान करते हैं. शनि कलियुग के दंडाधिकारी हैं. इसलिए शनि अपनी दशा, साढ़ेसाती और ढैय्या में व्यक्ति को अधिक प्रभावित करते हैं.


शनि देव जब अशुभ फल प्रदान करते हैं, व्यक्ति का जीवन संकट और परेशानियों से भर जाता है. हर कार्य में उसे वाधा का सामना करना पड़ता है. धन नष्ट होने लगता है और जमा पूंजी घटने लगती है. यहां तक की उसे सेहत संबंधी दिक्कतें भी आरंभ हो जाती हैं. दांपत्य जीवन को भी शनि अशुभ होने पर प्रभावित करते हैं.


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शनि के उपाय (Shani Dev Ke Upay)
शनि देव को शांत रखने और अशुभता से बचने के लिए ज्योतिष शास्त्र में कुछ अचूक उपाय बताए गए हैं. सरसों का तेल चढ़ाने से शनि देव बहुत जल्द प्रसन्न होते हैं. 26 जून 2021 को शनिवार है. ये आषाढ़ मास का पहला शनिवार है. शनिवार के दिन शाम के समय शनि देव की पूजा करना अच्छा माना गया है. सरसों का तेल चढ़ाने से शनि देव क्यों प्रसन्न होते हैं इसकी कथा आइए जानते हैं-


शनि देव की कहानी (Shani Dev Ki Kahani)
एक पौराणिक कथा के अनुसार एक बार शनि देव को अपनी शक्ति पर अहंकार हो गया और हनुमान जी से उलझ गए. हनुमान जी ने शनि देव को बहुत समझाने की कोशिश की वे कहीं और जाकर अपनी शक्ति का प्रदर्शन करें, लेकिन अहंकार में चूर शनि देव ने उनकी चेतावनी पर ध्यान नहीं दिया इसके बाद भगवान राम की भक्ति में लीन हनुमान जी ने शनि देव को अपनी पूंछ लपेट कर इधर उधर पटकना शुरू कर दिया है, जिससे शनि देव लहुलुहान हो गए. बाद में शनि देव को अपनी गलती अहसास हुआ और हनुमान जी से उन्होंने क्षमा मांगी, हनुमान जी ने शनि देव को सरसों का तेल शरीर पर लगाने के लिए दिया, इससे उन्हें आराम मिला. इसके बाद शनि देव ने हनुमान जी को वचन दिया कि वे कभी उन्हें और उनके भक्तों को परेशान नहीं करेंगे. 


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