Aaj Ka Panchang, 04 September 2021: पंचांग के अनुसार 04 सितंबर 2021, शनिवार का दिन बहुत ही शुभ है. धार्मिक दृष्टि से इस दिन का विशेष महत्व है. शनिवार को एक नहीं कई शुभ संयोग का निर्माण हो रहा है. इस दिन भगवान शिव और शनि देव की पूजा का भी विशेष संयोग बन रहा है. आइए जानते हैं आज का पंचांग-
आज की पूजा
प्रदोष व्रत 2021- आज शनिवार का दिन है. इस दिन भाद्रपद मास की त्रयोदशी है. इस दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है. प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित है. इस दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शिव भक्त व्रत रखते हैं और विशेष पूजा करते हैं. शनिवार का दिन होने के कारण इसे शनि प्रदोष व्रत भी कहा जाता है.
अजा एकादशी व्रत का पारण- पंचांग के अनुसार 04 सितंबर, शनिवार को प्रात: 08 बजकर 26 मिनट तक द्वादशी की तिथि रहेगी. इस दिन अजा एकादशी व्रत का पारण किया जाएगा.
शनि देव- 04 सितंबर को शनिवार का दिन है. भाद्रमास में पड़ने वाले शनिवार के दिन में शनि देव की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन पूजा और दान करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं.
आज का राहु काल (Aaj Ka Rahu Kaal)
पंचांग के अनुसार 04 सितंबर 2021, शनिवार को राहु काल सुबह 09 बजकर 10 मिनट से सुबह 10 बजकर 45 मिनट तक रहेगा. राहु काल में शुभ कार्य करना वर्जित माना गया है.
04 सितंबर 2021 पंचांग (Panchang 04 September 2021)
विक्रमी संवत्: 2078
मास पूर्णिमांत: भाद्रपद
पक्ष: कृष्ण
दिन: शनिवार
तिथि: द्वादशी - 08:26:23 तक
नक्षत्र: पुष्य - 17:45:22 तक
करण: तैतिल - 08:26:23 तक, गर - 20:30:10 तक
योग: वरियान - 09:36:26 तक
सूर्योदय: 06:00:16 AM
सूर्यास्त: 18:39:48 PM
चन्द्रमा: कर्क राशि
द्रिक ऋतु: शरद
राहुकाल: 09:10:09 से 10:45:06 तक (इस काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है)
शुभ मुहूर्त का समय, अभिजीत मुहूर्त - 11:54:43 से 12:45:22 तक
दिशा शूल: पूर्व
अशुभ मुहूर्त का समय -
दुष्टमुहूर्त: 06:00:16 से 06:50:55 तक, 06:50:55 से 07:41:33 तक
कुलिक: 06:50:55 से 07:41:33 तक
कालवेला / अर्द्धयाम: 13:36:00 से 14:26:38 तक
यमघण्ट: 15:17:16 से 16:07:54 तक
कंटक: 11:54:43 से 12:45:22 तक
यमगण्ड: 13:54:59 से 15:29:55 तक
गुलिक काल: 06:00:16 से 07:35:13 तक
यह भी पढ़ें:
आर्थिक राशिफल 04 सितंबर 2021: आज इन राशियों को धन लाभ हो सकता है. मेष से मीन राशि तक जानें राशिफल
4 सितंबर के दिन बन रहे हैं एक नहीं, कई शुभ योग, धर्म-कर्म के लिए शनिवार का दिन है उत्तम, जानें कैसे?