Adhik Maas 2023: यह तो सभी जानते हैं कि देवशयनी एकादशी के दिन भगवान श्रीविष्णु पाताल-लोक में बलि के द्वार पर चार माह तक निवास करने चले जाते हैं. तब चातुर्मास प्रारंभ होता है.


लेकिन यह नहीं जानते है कि अधिकमास में तैंतीस कोटि देवी-देवता भी देवलोक छोड़कर पृथ्वी पर रहते हैं? यही नहीं, प्रजापिता श्रीब्रह्मा ने इन सभी की स्नानादि सुविधा के लिए 22 कुंड, 52 जलधारों का निर्माण तक भी किया है? यह आश्चर्यजनक भले ही लगे लेकिन सत्य है.



इस साल अधिक मास में अद्भुत संयोग


इस साल 2023 में अधिक मास के लिए अद्भुत संयोग बन रहा है. हर तीन वर्ष में आने वाला अधिकमास इस बार 19 वर्ष बाद श्रावण में है. इससे पहले 2004 में श्रावण अधिकमास था. पिछले साल रक्षा बंधन 11 अगस्त को था, लेकिन इस साल 2023 में यह पर्व 30 अगस्त को है यानी इस बार पूरे 19 दिन का अंतर है. ऐसा ही अंतर इसके बाद आने वाले त्योहारों जैसे जन्माष्टमी, गणेश उत्सव, श्राद्ध पक्ष, नवरात्रि, दशहरा और दीपावली में भी देखने को मिलेगा. इन सभी त्योहारों में भी लगभग इतने ही दिनों का अंतर आएगा. 


क्या है और क्यों होता है अधिक मास


भारत में दो तरह के कैलेण्डर चलते हैं. एक सूर्य गणना के अनुसार जिसमें जनवरी से दिसम्बर तक के 12 महीने होते हैं और दूसरा चन्द्र गणना के अनुसार जिसमें चैत्र से फाल्गुन तक के 12 महीने होते हैं. इसे हम पंचाग से देखते हैं. व्रत-त्योहार चन्द्रमास की गणना के अनुसार मनाए जाते हैं, जिसमें चैत्र से फाल्गुन तक के 12 महीने होते हैं. सूर्य गणना से वर्ष के 365 दिन होते हैं, जबकि चन्द्र गणना का वर्ष 354 दिन का होता है. इस प्रकार हर साल सूर्य व चन्द्र गणना से 11 दिन का अंतर हो जाता है. यह अंतर तीन साल में 33 दिन का हो जाता है तब अधिक मास बन जाता है. 


इस बार श्रावण में अधिक मास है इसलिए श्रावण मास इस बार 4 जुलाई से 31 अगस्त तक है और इसमें 18 जुलाई से 16 अगस्त तक का समय अधिक मास का होगा. अधिक मास को मळ मास भी कहते हैं तो पुरूषोत्तम मास भी.


 अधिक मास में कुछ विशेष कार्य करने से बचना चाहिए



  • अधिकमास में नामकरण, यज्ञोपवीत संस्कार, विवाह, गृह प्रवेश, सगाई, कर्णवेध, मुंडन जैसे मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए. अधिक मास में शुभ और मांगलिक कार्यों को करने से भौतिक और भावनात्मक सुखों में कमी आती है.

  • विधिवत सेवते यस्तु पुरुषोत्तममादरात। कुलं स्वकीयमुद्धृत्य मामेवैष्यत्यसंशयम।। यानी पुरुषोत्तम मास में जो व्यक्ति व्रत, उपवास, पूजा, दान आदि शुभ कर्म करता है. वह अपने पूरे परिवार के साथ भगवान श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त करता है. इस अवधि में व्रत रखकर संयम और नियमों का पालन करें.

  • सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान करके गायत्री मंत्र का जाप करें. सूर्योदय के समय सूर्यदेव को अघ्र्य दें. रामायण, श्रीमद् भागवत कथा, शिव पुराण या देवी पुराण आदि इस अवधि में घर में पढ़ने और परिवार के बीच बैठकर सुनने से भी धन-धान्य व जीवन में उन्नति का मार्ग खुलता है. 


अधिक मास में राशि के अनुसार दान


अधिक मास में राशि के अनुसार किए गए दान से कुंडली में मौजूद ग्रह दोषों को शांत किया जा सकता है. लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि इव चीजों का दान रात के समय न करें. केवल यज्ञ, विवाह, संक्रांति, चंद्र या सूर्य ग्रहण के समय रात में दान किए जा सकते हैं. आइए जानते हैं किस राशि के जातक को अधिक मास में क्या दान करना चाहिए.  



  •  मेष राशि (Aries)- मालपुए, घी, चांदी, लाल कपड़े, केले, अनार, सोना, तांबा, मूंगा और गेंहू, इस माह में दान करें. 

  • वृषभ राशि (Taurus)- सफेद वस्त्र, चांदी, सोना, मालपुए, मावा, शकर, चावल, केले, गाय, हीरा, मोती, वाहन दान करें.

  • मिथुन राशि (Gemini)- पन्ना, मूंग की दाल, सोना, मूर्ति के लिए छत्र, तेल, कांसे के बर्तन, केले, सेवफल, मालपुए, कंगन, सिंदूर, साड़ी का दान कर सकते हैं.

  • कर्क राशि (Cancer)- मोती, चांदी, किसी प्याऊ में मटके, तेल, सफेद कपड़े, सोना, गाय, मालपुए, मावा, दूध, शकर, चावल दान में दे सकते हैं.

  • सिंह राशि (Leo)- लाल कपड़े, तांबा, पीतल, सोना, चांदी, गेंहू, मसूर, माणिक्य, धार्मिक पुस्तकें, अनार, सेवफल दान में दिए जा सकते हैं.

  • कन्या राशि (Virgo)- मूंग की दाल, सोना, छत्र, तेल, केले, सेवफल, गौशाला में धन और घास का दान करें.  

  • तुला राशि (Libra)- सफेद कपड़े, मालपुए, मावा, शकर, चावल, केले का दान करें.

  • वृश्चिक राशि (Scorpio)- घी, लाल कपड़े, मौसमी फल, अनार, तांबा, मूंगा, गेंहू का दान करें.

  • धनु राशि (Sagittarius)- पीले कपड़े, चने की दाल, लकड़ी के सामान, घी, तिल, अनाज, दूध का दान करें.

  • मकर और कुंभ राशि (Capricorn and Aquarius)- तेल, दवाइयां, नीले कपड़े, केले, औजार, लोहा, मौसमी फल का दान करें.

  • मीन राशि (Pisces)- पीले कपड़े, चने की दाल, घी, दूध और दूध से बनी मिठाई, शिक्षा से जुड़ी चीजें दान करें.


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