Adhik Maas Amavasya: हिंदू धर्म में अधिकमास के महीने का खास महत्व माना गया है. इस माह पूजा-पाठ, जप-तप और दान करना बहुत महत्वपूर्ण होता है. अधिकमास की अमावस्या 3 साल बाद आती है. अधिकमास  हर तीन साल में एक बार लगता है और इस 30 दिन की अवधि में पड़ने वाली अमावस्‍या, अधिकमास की अमावस्‍या कहलाती है. इस बार अधिकमास की अमावस्‍या 16 अगस्‍त को है. इस दिन किए जाने वाले कुछ काम बहुत पुण्यदायी माने जाते हैं.


अधिकमास की अमावस्या पर करें ये काम




    • सावन अधिक मास की अमावस्या पर किए गए शुभ कार्यों का पुण्य जीवन भर मिलता है. इस दिन बुधवार होने से इस पर्व का महत्व और अधिक बढ़ गया है. इस दिन की शुरुआत गणेश जी की पूजा के साथ करें. 





  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद घर के मंदिर में गणेश जी की प्रतिमा को पंचामृत से स्नान कराएं. इसके बाद उन्हें शुद्ध जल से स्नान कराएं. गणेश जी का श्रृंगार करने के बाद उन्हें जनेऊ, दूर्वा, चंदन आदि चीजें चढ़ाएं.

  • गणेश जी को लड्डू और मोदक का भोग लगाएं. धूप-दीप जलाएं और आरती करें. पूजा में उनके मंत्र 'ऊँ गं गणपतयै नम:' का जाप करें. इसके बाद भगवान शिव और देवी पार्वती का अभिषेक करें. शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जप करें. जल चढ़ाने के बाद दूध चढ़ाएं. इसके बाद फिर से जल चढ़ाएं. 

  • सावन की अधिकमास की अमावस्या पर शिवलिंग पर बिल्व पत्र, धतूरा, आंकड़े के फूल, गुलाब और अर्पित करें. इसके बाद चंदन का तिलक लगाएं. देवी मां का श्रृंगार करें और भगवान को मिठाई को भोग लगाएं. 

  • अमावस्या पर भगवान विष्णु, महालक्ष्मी और श्रीकृष्ण की भी विधिवत पूजा करनी चाहिए. इस दिन ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय और कृं कृष्णाय नम: मंत्र का जाप करना शुभ होता है.

  • अमावस्या पर पितरों के लिए धूप-ध्यान करना चाहिए. कंडों पर गुड़-घी अर्पित करें और पितरों की आराधना करें. अधिक मास में ग्रंथों का पाठ करने का विशेष महत्व है. 

  • 16 अगस्‍त को अधिक मास खत्म हो जाएगा. इस महीने की अंतिम तिथि पर विष्णु पुराण, शिव पुराण, रामायण आदि ग्रंथों का पाठ करना चाहिए. 

  • पूजा-पाठ, दान-पुण्य और ग्रंथों का पाठ करने के बाद जरूरतमंद लोगों को जरूरी चीजों जैसे खाना, धन, जूते-चप्पल, कपड़े का दान जरूर करना चाहिए.



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