Agni Panchak 2023: अग्नि पंचक कब समाप्त हो रहा है? जानें क्यों माना जाता है इसे इतना अशुभ
Panchak Effects: हिंदू धर्म में पंचक को बहुत अशुभ काल माना गया है. इन 5 दिनों के दौरान कोई भी शुभ काम करने की मनाही होती है. ज्योतिष में पंचक को शुभ नक्षत्र नहीं माना जाता है.

September 2023 Panchak Dates: अग्नि पंचक 26 सितंबर से शुरू हुआ था और यह 30 सितंबर तक रहेगा. जो पंचक मंगलवार से शुरू होता है, उसे अग्नि पंचक कहते हैं. पंचक में 5 दिनों में कोई भी मांगलिक कार्य करने की मनाही होती है. अग्नि पंचक को बहुत ही अशुभ माना जाता है. यही वजह कि समय अवधि में कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. ज्योतिष शास्त्र में भी कहा गया है कि पंचक के वक्त पर हर व्यक्ति को शुभ कार्य से परहेज करना चाहिए.
पंचक क्या होता है?
नक्षत्रों के मेल से बनने वाले विशेष योग को पंचक कहा जाता है. जब चन्द्रमा, कुंभ और मीन राशि पर रहता है, तब उस समय को पंचक कहते हैं. चंद्रमा एक राशि में लगभग ढाई दिन रहता है इस तरह इन दो राशियों में चंद्रमा पांच दिनों तक भ्रमण करता है. इन पांच दिनों के दौरान चंद्रमा पांच नक्षत्रों धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती से होकर गुजरता है. अतः ये पांच दिन पंचक कहे जाते हैं.
पंचक होता है बेहद अशुभ
हिंदू पंचाग में पंचक को बहुत ही अशुभ काल माना गया है. ऐसी मान्यता है कि इस दौरान शुभ कार्य नहीं करने चाहिए. ज्योतिष में पंचक को शुभ नक्षत्र नहीं माना जाता है. इसे अशुभ और हानिकारक नक्षत्रों का योग माना जाता है. हिंदू संस्कृति में प्रत्येक कार्य मुहूर्त देखकर करने का विधान है. इसमें सबसे महत्वपूर्ण है पंचक. जब भी कोई कार्य प्रारंभ किया जाता है तो उसमें शुभ मुहूर्त के साथ पंचक का भी विचार किया जाता है. नक्षत्र चक्र में कुल 27 नक्षत्र होते हैं. इनमें अंतिम के पांच नक्षत्र दूषित माने गए हैं.
ये नक्षत्र धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती होते हैं. प्रत्येक नक्षत्र चार चरणों में विभाजित रहता है. पंचक धनिष्ठा नक्षत्र के तृतीय चरण से प्रारंभ होकर रेवती नक्षत्र के अंतिम चरण तक रहता है. हर दिन एक नक्षत्र होता है इस लिहाज से धनिष्ठा से रेवती तक पांच दिन हुए. ये पांच दिन पंचक होता है.
पंचक में रखें इन बातों का ध्यान
पंचक के दौरान जिस समय घनिष्ठा नक्षत्र हो उस समय घास, लकड़ी आदि ईंधन एकत्रित नहीं करना चाहिए, इससे अग्नि का भय रहता है. माना जाता है कि पंचक में किसी की मृत्यु होने से और पंचक में शव का अंतिम संस्कार करने से उस कुटुंब या निकटजनों में पांच मृत्यु और हो जाती है. पंचक के दौरान दक्षिण दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए, क्योंकि दक्षिण दिशा, यम की दिशा मानी गई है. इन नक्षत्रों में दक्षिण दिशा की यात्रा करना हानिकारक माना गया है.
पंचक के दौरान जब रेवती नक्षत्र चल रहा हो, उस समय घर की छत नहीं बनाना चाहिए. माना जाता है कि इससे धन हानि और घर में क्लेश होता है. पंचक में पलंग बनवाने से भी बचना चाहिए. माना जाता है कि इससे घर मेंबड़े संकट को न्यौता देना है.
ये भी पढ़ें
आज धूमधाम से होगी बप्पा की विदाई, विसर्जन के समय रखें इन बातों का ध्यान
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस

