Akhand Jyoti Jalane Ke Niyam: पूजा-पाठ तभी सफल माना जाता है जब दीप प्रज्वलित होता है. बिना दीपक के पूजा अधूरी होती है लेकिन क्या आपको पता है कि अंखड ज्योति जलाते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है. अखंड ज्योति वो होती है जोकि खंडित न हो. मतलब अगर किसी व्यक्ति ने पूजा स्थान में कुछ संकल्प के लिए अखंड ज्योति जलाई है, तो वो तब तक जलनी चाहिए, जब तक संकल्प पूरा न हो. अखंड ज्योति जलाने के कुछ नियम हैं, जिनका पालन करना बहुत जरूरी होता है. चलिए जानते हैं अखंड ज्योति जलाने के नियमों से जुड़ी कुछ बातों के बारे में.


अखंड ज्योति का महत्व
हिंदू धर्म में पूजा के समय दीपक जलाने का विशेष महत्व है. क्योंकि कोई भी पूजा दीपक के बिना पूरी नहीं होती. पूजा के दीपों में अखंड ज्योति का बहुत महत्व होता है. मान्यता है इसे जलाने से घर-परिवार में सुख शांति बनी रहती है. मनोकामनाएं पूरी होती है और कई तरह की परेशानियों से छुटकारा मिलता है.


अखंड ज्योति जलाने के धार्मिक कारण
धार्मिक दृष्टिकोण से अंखड ज्योति जलाने से घर पर सुख-समृद्धि का वास होता है. दीपक की रोशनी में सकारात्मकता होती है, जिससे दरिद्रता दूर होती है.


अखंड ज्योति जलाने के नियम



  • अखंड ज्योति जलाने से पूर्व श्रीगणेश, भगवान शिव और मां दुर्गा का ध्यान जरूर करें.

  • ज्योति जलाने के बाद‘ओम जयंती मंगला काली भद्रकाली कृपालिनी दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तु‍ते’ मंत्र का जाप करें.

  • जब भी अखंड ज्योति जलाएं तो इस बात का ध्यान रखें कि घी से जलाई अखंड ज्योति को दाईं ओर और तेल से जलाई अखंड ज्योति को बाईं ओर रखें.

  • अगर किसी अनुष्ठान या संकल्प के लिए अखंड ज्योति जलाई है तो इसकी समाप्ति तक ज्योति को बुझने नहीं दें.

  • कभी भी अखंड ज्योति जलाकर उसे अकेला नहीं छोड़े. एक व्यक्ति सदैव उसकी देखभाल के लिए मौजूद रहे.

  • अखंड ज्योति जलाने के बाद घर को कभी बंद ना करें और ना ही ताला लगाएं.


अखंड ज्योति जलाने के फायदे



  • अखंड ज्योति जलाने से पूजा स्थल पर कभी भी बुरी चीजों का साया नहीं पड़ता है.

  • घी का अखंड ज्योति जलाने से घर में सकारात्मकता बढ़ती है और नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है.

  • अंखड ज्योति जलाने से शनि के कुप्रभाव से बचा जा सकता है.

  • सरसों के तेल की अखंड ज्योति जलाने से पितृ शांत रहते हैं और घर में समृद्धि आती है.

  • अंखड ज्योति जलाने से श्वास और नर्वस सिस्टम ठीक रहता है.

  • अंखड ज्योति जलाने से परिवार के बिगड़े काम बनने लगते हैं.


अखंड ज्योति जलाते वक्त सावधानियां



  • अखंड ज्योति में दीपक की लौ इतनी जले कि आस पास उसकी लौ की ताप महसूस हो. 

  • इस बात का ध्यान रखें कि ज्योति बुझनी नहीं चाहिए. उसमें पर्याप्त मात्रा में घी या तेल डालते रहे.

  • जिस स्थान पर अखंड ज्योति जला रहें हैं उसके आस-पास शौचालय या स्नानगृह नहीं हो. 

  • हवा से बचने के लिए अखंड ज्योति को कांच के गोले में रखें. जिससे वो निरंतर जलती रहे. संकल्प पूरा होने के बाद यदि अखंड ज्योति जल रही है तो उसे कभी भी फूंक मार कर न बुझाएं, उसे प्रज्वलित रहने दें.


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