Akshaya Tritiya Daan: हर साल वैशाख मास शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाता है. इस साल यह पर्व कल यानी 22 अप्रैल को मनाया जाएगा. अक्षय तृतीया के दिन सूर्य और चंद्रमा दोनों ही अपनी उच्च राशि में स्थित होते हैं. माना जाता है कि इस दिन सूर्य और चंद्रमा दोनों की सम्मिलित कृपा का फल अक्षय हो जाता है. अक्षय शब्द का मतलब है जो अनन्त और अमर हो.
इस दिन किये गए जप, तप, दान और ज्ञान श्रेष्ठ फल प्राप्त होता है. यही वजह है कि इसे 'अक्षय तृतीया' भी कहा जाता है. अक्षय तृतीया के दिन कुछ चीजों का दान करना बहुत शुभ माना जाता है. इन चीजों के दान से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में धन के भंडार भरे रहते हैं. आइए जानते हैं कि इस दिन आपको अपनी राशि के अनुसार किन चीजों का दान करना चाहिए.
राशि के अनुसार करें इन चीजों का दान
मेष- इस राशि के जातकों को अक्षय तृतीया के दिन जौ या जौ से बने पदार्थ, सत्तू और गेहूं का दान करना चाहिए.
वृषभ- अक्षय तृतीया के दिन वृषभ राशि के जातकों को ग्रीष्म ऋतु के फल, जल से भरी तीन मटकी और दूध का दान करना चाहिए.
मिथुन- इस राशि के लोगों को अक्षय तृतीया के दिन ककड़ी, खीरा, सत्तू और हरी मूंग का दान मंदिर में जाकर करना चाहिए.
कर्क- अक्षय तृतीया के दिन कर्क राशि के लोगों को जल से भरी एक मटकी, दूध और मिश्री किसी साधु को दान करना चाहिए.
सिंह- इस राशि के जातक अक्षय तृतीया के दिन सत्तू, जौ और गेहूं में से किसी एक पदार्थ का दान मंदिर में जाकर करें.
कन्या- कन्या राशि वालों को अक्षय तृतीया के दिन ककड़ी, खीरा और तरबूज का दान करना चाहिए.
तुला- इस राशि के लोगों को इस शुभ दिन पर मजदूरों या राहगीरों को पानी पिलाना चाहिए. साथ ही किसी गरीब व्यक्ति को जूते-चप्पल दान करना चाहिए. इससे ग्रह दोष कम होते हैं.
वृश्चिक- इन राशि के जातकों को किसी गरीब व्यक्ति को जल से भरा पात्र, छाता या पंखा दान करना चाहिए. इससे आप अपने कष्टों से राहत महसूस करेंगे.
धनु- धनु राशि वालों को इस दिन बेसन से निर्मित पदार्थ, चने की दाल, मौसमी फल या सत्तू में से किसी भी एक पदार्थ का दान करना चाहिए.
मकर- मकर राशि वालों को आज जल से भरी मटकी, दूध और मीठे पदार्थ गरीबों को दान करना चाहिए.
कुंभ- कुंभ राशि के लोग अक्षय तृतीया के दिन जल से भरा मटका, मौसमी फल तथा गेहूं किसी गरीब व्यक्ति को दान करें.
मीन- इस राशि के जातकों को चार हल्दी की गांठ ब्राह्मण को दान स्वरूप देना चाहिए. बेसन से निर्मित पदार्थ और सत्तू मंदिर में दान करें.
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