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Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया क्यों है सबके लिए खास? ज्योतिषाचार्य से जानें इससे से जुड़ी जरूरी बातें
Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया का महत्व केवल शुभ-मांगलिक कार्यों की शुरुआत के लिए ही नहीं है, बल्कि इस पर्व से जुड़ी कई विशेष बातें और तथ्य भी हैं, जिन्हें जानना सभी के लिए जरुरी है.
Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया हर साल वैशाख महीने (Vaishakh Month 2024) के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि (Tritiya Tithi) को आती है. अक्षय तृतीया के दिन ग्रहों का विशेष संयोग बनता है. यदि अक्षय तृतीया पर रोहिणी नक्षत्र (Rohini Nakshatra) हो तो इस दिन की महत्ता हजारों गुणा बढ़ जाती है.
इस बार यानि 10 मई 2024 को अक्षय तृतीया के दिन सुबह 10 बजकर 47 तक रोहिणी नक्षत्र रहेगा. इस दिन बिना मुहूर्त निकाले शुभ कार्य, विवाह (Vivah), सोना-चांदी खरीदना, नए कार्य करने से जैसे काम किए जा सकते हैं. तृतीया तिथि की अधिष्ठात्री देवी मां पार्वती (Maa Parvati) हैं. इस दिन का क्या धार्मिक महत्व है, आइए जानते हैं-
- अक्षय तृतीया के दिन से ही त्रेता युग की शुरूआत हुई थी. इस युग की आयु 12,96,000 साल रही. इसी युग में भगवान श्री वामन, परशुराम एवं श्रीराम ने अवतार लिया.
- आज ही के दिन बद्रीनाथ धाम के पट खुलते है.
- नर-नारायण ने इस दिन अवतार लिया था.
- वृदावंन के श्री बांके बिहारी मंदिर में इसी दिन श्री विग्रह के चरण दर्शन होते है, अन्यथा पूरे वर्ष भर वस्त्रों से ढ़के रहते है.
- इसी दिन कृष्ण और सुदामा का मिलन हुआ था और सुदामा का भाग्य बदल गया था.
- भगवान ब्रह्मा के पुत्र श्री अक्षय कुमार का इसी दिन अवतरण हुआ था.
- कुबेर देव को अतुल ऐश्वर्य की प्राप्ति इसी दिन हुई थी और वह देवताओं के कोषाध्यक्ष बने थे.
- अक्षय तृतीया के दिन गणेश जी ने वेद व्यास के साथ महाभारत लिखना शुरू किया था.
- इसी दिन महालक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए विशेष अनुष्ठान किये जाते है.
- इसी दिन महाभारत का युद्ध समाप्त हुआ था.
- इस दिन गंगा नदी पृथ्वी पर स्वर्ग से उतरी थी.
- भगवान कृष्ण ने इसी दिन पाण्डवों को अक्षय पात्र दिया था.
- इसी दिन देवी अन्नपूर्णा का जन्म हुआ.
- द्वापर युग का समापन इसी दिन को हुआ.
- इसी दिन द्रोपदी को चीर हरण से श्री कृष्ण ने बचाया था.
इस दिन किन शुभ कार्यों को कर सकते हैं (shubh Manglik Karya)
इस दिन इन्हीं कारणों से बिना पंचाग देखे शुभ व मांगलिक कार्य जैसे कि-
- विवाह
- गृह प्रवेश
- नवीन गृह
- निर्माण कार्य
- आभूषणों की खरीदारी
- वाहन
- नई फर्म एवं व्यापार आदि.
इसके अलावा, कमाई के बावजूद जिनके घर में पैसा न टिकता हो, घर में सुख शांति न हो, मनोनुकूल संतान की प्राप्ति नहीं हो रही हो, चारों तरफ से शत्रु हावी हो रहे हों, तो ऐसे में अक्षय तृतीया का व्रत रखना और दान पुण्य करना बेहद फलदायक बताया गया है.
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