Ananta Chaturdashi Remedies: 28 सितंबर यानी आज अनंत चतुर्दशी मनाई जा रही है. हिंदू धर्म में इस चतुर्दशी व्रत का बहुत महत्व होता है. भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को अनंत चतुर्दशी मनाते हैं. इस दिन भगवान हरि की पूजा करते हैं. आज के दिन पूजा के बाद अनंत धागा धारण किया जाता है. इस दिन गणेश के विसर्जन के साथ दस दिन चलने वाले गणेशोत्सव का समापन भी होता है. 


यह व्रत धन और संतान की कामना से किया जाता है. अनंत चतुर्दशी को अनंत चौदस के नाम से भी जाना जाता है. इस व्रत में भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा होती है. भगवान विष्णु की पूजा के बाद बाजू पर अनंत सूत्र बांधा जाता है. ये कपास या रेशम से बने होते हैं और इनमें चौदह गांठें होती हैं. अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन भी किया जाता है इसलिए इस पर्व का महत्व और भी बढ़ जाता है. भारत के कई राज्यों में यह पर्व धूमधाम से मनाया जाता है. माना जाता है अनंत चतुर्दशी के दिन कुछ उपाय करने से अनंत फलों की प्राप्ति होती है.



अनंत चतुर्दशी के दिन करें ये उपाय



  • धार्मिक मान्यता के मुताबिक अनंत चतुर्दशी का व्रत करने से हर दुख दूर होते हैं और सुख की प्राप्ति होती है. अनंत चतुर्दशी का दिन भगवान विष्णु को समर्पित है. इस दिन श्री विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ करने से भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. 

  • जीवन में खुशी, धन और सौभाग्य की प्राप्ति करना चाहते हैं तो अनंत चतुर्दशी के दिन व्रत रखकर विधि विधान से श्री हरि विष्णु की पूजा आराधना करें. इस दिन श्री हरि के अमोघ मंत्रों का जाप करना उत्तम रहता है. मंत्रों के जाप से प्रसन्न होकर विष्णु भगवान अपनी कृपा बरसाते हैं.

  • आज के दिन गरीब और असहाय लोगों की मदद करनी चाहिए. अनंत चतुर्दशी के दिन जरूरतमंदों की सेवा करने से जीवन में अनंत फलों की प्राप्ति होती है. इसके अलावा सुख के साथ सौभाग्य में भी वृद्धि होती है.

  • जीवन में आने वाली मुसीबतों से परेशान हो चुके हैं तो अनंत चतुर्दशी के दिन किए गए उपाय आपको इन मुसीबतों से छुटकारा दिला सकते हैं. इसके लिए आज के 14 लौंग लगा हुआ लड्डू भगवान सत्यनारायण को भोग लगाएं. उसके बाद इन भोग लगे हुए लड्डुओं को पेड़ के नीचे रख दें. ऐसा करने आपकी सारी मुसीबत दूर हो जाएंगी.

  • अनंत चतुर्दशी तिथि के दिन भगवान सत्यनारायण की विधिपूर्वक पूजा- आराधना करनी चाहिए.  इसके लिए कलश पर 14 जायफल रखना चाहिए. पूजा समाप्त होने के बाद इस जायफल को बहते हुए पवित्र नदी में प्रवाहित कर दें. आज के दिन यह उपाय करने से कई विवादों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-शांति का वास होता है.


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