Astro: हिंदू धर्म में पशु पक्षियों की सेवा करना बहुत पुण्य का कार्य माना गया है. इनमें से सबसे ज्यादा महत्व गाय को दिया गया है. हिंदुओं में गाय को माता का दर्जा दिया गया है. गाय की सेवा और भोजन कराना कई जन्मों के पुण्य के समान होता है. गौ सेवा से 33 करोड़ देवी देवताओं की पूजा के बराबर फल की प्राप्ति होती है. इसी तरह कौवा, कुत्ता, बन्दर, मछली जैसे कई जानवरों को भोजन कराना न सिर्फ घर में सुख समृद्धि लाता है बल्कि मनोकामनाओं की पूर्ति भी करता है. जानते हैं कि किस तरह कौन से पशु-पक्षियों की सेवा करके आप समस्याओं से मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं.
इन पशु-पक्षियों की सेवा करें:
गाय
- सनातन धर्म में प्रतिदिन पहली रोटी गाय के लिए खिलाने की परंपरा है.सोमवार के दिन रोटी पर मक्खन या कुछ मीठा जैसे शक्कर या बूरा रखकर गाय को रोटी खिलानी चाहिए. इससे आपके चंद्र से संबंधित दोष दूर होते हैं.ऐसा करने से किसी प्रकार का अनिष्ट नहीं होता है. विपरीत परिस्थितियां भी आसानी से टल जाती हैं.कभी भी गाय को बासी रोटी न खिलाएं.
- गाय को आटे की लोई, गुड़ हल्दी या चने की दाल गुरुवार को खिलाने से बृहस्पति बलवान होते हैं. ऐसा करने से शिक्षा, करियर व संतान में सुख में वृद्धि होती है और घर में शांति बनी रहती है.
- शुक्रवार के दिन यदि सूखे आटे में चीनी मिलाकर, अंजलि भर कर हाथों से गाय को खिलाएं तो दांपत्य जीवन अच्छा होता है.
बंदर
घर में भाई से मतभेद दूर करने के लिए प्रत्येक मंगलवार को बंदरों को गुड़ चना खिलाएं. इससे आकस्मिक लगने वाली चोट आदि का भय नहीं रहता है. इसके साथ ही आपका मंगल भी बलवान रहता है.
कुत्ते को भोजन
शनिवार के दिन काले कुत्ते को भोजन करने से राहु, केतु व शनि प्रसन्न होते हैं. ऐसा प्रत्येक शनिवार करने से दुश्मनों पर हमारी जीत हासिल होती है. श्वान (कुत्ता) को भगवान भैरवनाथ का वाहन माना गया है.अमावस्या तिथि को कुत्ते को घी चुपड़ी रोटी खिलाने से से भय से मुक्ति मिलती है.घर में कुत्ता पालना बेहद शुभ माना जाता है. मान्यता है कि इससे आपके घर से नकारात्मक शक्तियां दूर रहती हैं.
कौआ
पितृपक्ष में अक्सर लोग अपने पूर्वजों को स्मरण करते हुए कौवों को भोजन कराते हैं.कौवों को मीठे फल और चावल खिलाने से आपको अज्ञात भय से मुक्ति प्राप्त होती है.और पितृदोष भी नहीं लगता.
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