Navgrah Shanti: पिता की सेवा से सूर्य तो मां की सेवा करने से चंद्रमा होता है शक्तिशाली, अन्य ग्रहों के लिए करें ये उपाय
मेष, वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या राशि समेत सभी 12 राशियों पर नव ग्रहों की चाल का प्रभाव रहता है. इन 9 ग्रहों में से जब कोई ग्रह अशुभ या कमजोर हो जाता है तो जीवन में मुश्किले आनी लगती हैं.
Remedies For Navgrah Dosh: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 12 राशियां और 9 ग्रह बताए गए हैं. जो मनुष्य के जीवन को प्रभावित करते हैं. ग्रहों की शुभ - अशुभ चाल का मनुष्य की दैनिक दिनचर्या को प्रभावित करती है. इसलिए ग्रहों की अशुभता दूर करना बहुत ही जरूरी हो जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहों की अशुभता को रिश्तों को बेहतर बनाकर भी दूर की जा सकती है. कैसे आइए जानते हैं-
सूर्य: सूर्य ग्रह को सभी ग्रहों का राजा कहा गया है. सूर्य आत्मा के कारक माने गए हैं. सूर्य व्यक्ति को उच्च पद, लोकप्रियता आदि प्रदान करते हैं. लेकिन जब ये अशुभ हो जाए तो व्यक्ति की यश, मान सम्मान में कमी आने लगती है. प्रमोशन और उच्च पद में बाधाएं आने लगती है. सूर्य को बेहतर बनाने के लिए पिता की सेवा करनी चाहिए. पिता की सेवा करने से सूर्य मजबूत होता है.
मंगल: ज्योतिष शास्त्र में मंगल ग्रह को सभी 9 ग्रहों में सेनापति माना गया है. मंगल व्यक्ति को साहसी बनाता है. ऐसे लोग बहुत ही निडर और पराक्रमी होते हैं. मंगल जब अशुभ होता है तो व्यक्ति क्रोधी हो जाता है. मंगल ग्रह को शुभ बनाए रखने के लिए बड़े भाई- बहनों का आदर करना चाहिए. पत्नी के भाई को पीड़ा नहीं पहुंचानी चाहिए.
गुरू: ज्ञान के कारक गुरू ग्रह जब अशुभ होते हैं तो व्यक्ति को करियर और शिक्षा संबंधी मामलों में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. वहीं व्यापार में भी हानि उठानी पड़ती है. गुरू को बेहतर बनाने के लिए घर के बुजुर्गों का सम्मान करना चाहिए. उनकी सेवा करनी चाहिए. नाना, नानी, दादा, दादी की सेवा करने से गुरू मजबूत होता है.
शनि देव: ज्योतिष शास्त्र में शनि देव को न्याय करने वाला ग्रह माना गया है. शनि की साढ़ेसाती, शनि की ढैय्या के दौरान व्यक्ति को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. शनि जब अशुभ होते हैं तो व्यक्ति के जीवन में परेशानी, हानि और संघर्ष की स्थिति ही बनी रहती है. ताऊ, चाचा और मामा को सम्मान देने से शनि प्रसन्न होते हैं.
शुक्र ग्रह: लग्जरी लाइफ, लव और रोमांस के कारक शुक्र देव ही हैं. शुक्र खराब होने पर व्यक्ति की लव लाइफ और दांपत्य जीवन तनाव और कलह से भर जाता है. शुक्र को मजबूत और शुभ बनाने के लिए घर की स्त्रियों का सम्मान करें और पत्नी को कभी कष्ट न दें.
बुध ग्रह: ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को सभी ग्रहों का राजकुमार कहा गया है. बुध बुद्धि, वाणाी, बिजनेस आदि के कारक है. बुध खराब होने पर त्वचा संबंधी रोग भी देते हैं. बुध को ठीक रखने के लिए पुत्री,बहन, बुआ, मौसी को प्रसन्न रखें.
चंद्रमा: चंद्रमा मन का कारक माना गया है. चंद्रमा अशुभ होने पर व्यक्ति का सिर दर्द, तनाव और अज्ञात भय प्रदान करता है. नाक और गले से जुड़ी समस्या भी प्रदान करता है. चंद्रमा को शुभ बनाने के लिए मां की सेवा करनी चाहिए. मां, ननद और सास की सेवा करने से भी चंद्रमा की अशुभता दूर होती है.
राहु- केतु: ज्योतिष शास्त्र में राहु और केतु ग्रह को पाप ग्रह माना गया है. इन ग्रहों के अशुभ होने से व्यक्ति के जीवन में अचानक हानि का योग बनता है. इसके अलावा हर कार्य में बाधा उत्पन्न होती है. राहु को ठीक रखने के लिए बड़े भाई की सेवा करनी चाहिए और ननिहाल के रिश्तों का सम्मान करना चाहिए. केतु की अशुभता को दूर करने के लिए भांजे और भतीजों को प्रसन्न रखना चाहिए.
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