(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
राहु और केतु जब खराब होते हैं तो बच्चों मे पनपने लगती है झूठ बोलने की आदत, पढ़ाई में आने लगती है बाधा
मेष, वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या या फिर किसी भी राशि का जातक क्यों न हो, यदि राहु और केतु में से कोई भी एक ग्रह अशुभ है तो झूठ बोलने की प्रवृत्ति बढ़ जाती है.
Rahu Ketu: राहु-केतु ये दो ऐसे ग्रह हैं जिन्हें ज्योतिष शास्त्र में पाप ग्रह माना गया है. राहु और केतु में से यदि कोई भी एक ग्रह अशुभ है तो इसके परिणाम जीवन में शुभ नहीं आते हैं. ज्योतिष शास्त्र में राहु और केतु को रहस्मय ग्रह माना गया है. जिन लोगों की जन्म कुंडली में राहु और केतु प्रबल होते हैं, उन्हें समझ पाना बहुत ही मुश्किल होता है. ऐसे लोग खोज करने और योजना बनाने में निपुण होते हैं. राहु केतु झूठ बोलने के लिए भी व्यक्ति को प्रेरित करता है.
बच्चों में यदि झूठ बोलने की आदत पनपने लगे तो कहीं न कही राहु और केतु का प्रभाव बढ़ने लगता है. बच्चे की जन्म कुंडली में राहु और केतु अशुभ हैं इसका पता लगाया जा सकता है. थोड़ा सा ध्यान देने पर इन दोनों ग्रहों की स्थिति को समझा जा सकता है.
बच्चा यदि बात मानना बंद कर दें और वहीं कार्य करने लगे जिसके लिए उसके मना किया गया है तो समझ लें कि राहु और केतु कुछ गड़बड़ कर रहे हैं. इस स्थिति में बच्चा झूठ भी बोलने लगता है. पढ़ाई में मन नहीं लगता है और शरारत अधिक करता है.
समय रहते यदि राहु और केतु की अशुभता को दूर करने का उपाय न किया जाए तो आगे चलकर गंभीर परिणाम भी भुगतने पड़ते हैं. कभी कभी ये ग्रह इतने अशुभ हो जाते हैं कि पढ़ाई में रूकावट आ जाती है. गलत संगत की तरफ बच्चा आकर्षित होने लगता है. जिस कारण माता पिता को तनाव होने लगता है.
राहु-केतु का उपाय राहु-केतु को ज्योतिष शास्त्र में छाया ग्रह माना गया है. ऐसा नहीं है कि ये दोनों ग्रह हमेशा ही अशुभ फल प्रदान करते हैं. शुभ होने पर ये व्यक्ति को बहुत लाभ भी कराते हैं. इसलिए राहु-केतु का शुभ बनाने के लिए भगवान शिव और गणेश जी की पूजा करनी चाहिए. वहीं नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा करने से भी अशुभता कम होती हैं.