Ashada Amavasya 2021 Date: आषाढ़ मास में पूजा पाठ का विशेष महत्व बताया गया है. आषाढ़ मास में की जाने वाली पूजा का जीवन में शुभ फल प्राप्त होता है. मान्यता है कि भगवान विष्णु को आषाढ़ मास प्रिय है. इस मास में भगवान विष्णु की पूजा करने से जीवन में आने वाली परेशानियां दूर होती हैं और सुख समृद्धि प्राप्त होती है. आषाढ़ मास में अमावस्या की तिथि को विशेष महत्व दिया गया है. इस अमावस्या को अलग अलग स्थानों पर अलग-अलग नामों से जाना जाता है-
- आषाढ़ अमावस्या
- हलहारिणी अमावस्या
- अषाढ़ी अमावस्या
आषाढ़ मास की अमावस्या का संबंध कृषि से भी है. आषाढ़ मास की ये अमावस्या जीवन में कृषि और अन्न की अहमियत को बताी है. इसी कारण इसे हलहारिणी अमावस्या भी कहा जाता है. इस दिन कृषि कार्य से जुड़े लोग कृषि कार्य में प्रयोग में लाए जाने वाले उपकरणों की पूजा की जाती है. मुख्यत: इस दिन हल की पूजा की जाती है. कृषक इस दिन अच्छी फसल की कामना करते हैं.
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पितृ पूजा
अमावस्या की तिथि में पितृ पूजा को भी विशेष महत्व दिया जाता है. माना जाता है कि इस तिथि पर पूर्वज आसपास ही होते हैं. इसलिए आषाढ़ अमावस्या पर पितरों का श्राद्ध करना उत्तम माना गया है. विधि पूर्वक श्राद्ध करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और जीवन में आने वाली परेशानियां दूर होती है. इस दिन दान आदि का कार्य भी करना चाहिए.
आषाढ़ अमावस्या कब है?
पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास की अमावस्या 9 जुलाई 2021, दिन शुक्रवार को है. इसी दिन व्रत और पूजा का कार्य किया जाएगा. व्रत का पारण 10 जुलाई 2021 को किया जाएगा.
आषाढ़ अमावस्या का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास की अमास्या तिथि 9 जुलाई की सुबह 5 बजकर 16 मिनट से आरंभ होगी और 10 जुलाई 2021 की सुबह 06 बजकर 46 मिनट पर समाप्त होगी.
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