कालसर्प दोष के कारण व्यक्ति को हर क्षेत्र में करना पड़ता है कड़ा संघर्ष, कुछ भी नहीं मिलता आसानी से
कालसर्प दोष जिस व्यक्ति की जन्मकुंडली में होता है उसे भटकना पड़ता है और छोटी छोटी चीजों के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है. धनहानि होनी होती है, बचत नष्ट हो जाती है. शिक्षा में रुकावट, नौकरी के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ता है.
नई दिल्ली: कालसर्प दोष जैसा कि इसके नाम से ही ज्ञात होता है कि यह कोई खतरनाक दोष है. ज्योतिष में कालसर्प दोष को लेकर अलग अलग मत है. जिन लोगों की जन्मकुंडली में कालसर्प दोष होता है उन्हें जीवन में बहुत संघर्ष करना पड़ता है. कुछ भी आसानी से प्राप्त नहीं होता है.
मान्यता है कि जिस व्यक्ति की जन्मकुंडली में कालसर्प दोष होता है उसे 40 वर्ष तक संघर्ष करना पड़ता है कई कई बार व्यक्ति को भटकना भी पड़ता है. कालसर्प दोष से पीड़ित व्यक्ति के पास धन की समस्या बनी रहती है. किसी प्रकार का गंभीर रोग भी हो सकता है जिससे उसका संपूर्ण जीवन प्रभावित हो सकता है. कालसर्प दोष जीवन में हर मोड़ पर मुश्किल पैदा करता है. शिक्षा में बाधा पैदा कर देता है. घर से अलग करा देता है. नौकरी के लिए लंबा संघर्ष करना पड़ता है. कई बार विश्वासपात्र लोगों से ही धोखा मिलता है. कर्ज बढ़ने लगता है. बैंक बेलेंस नहीं होता है और घर में कलह की स्थिति बनी रहती है. ऐसे लोगों को अच्छी संगत में बैठना चाहिए और नशा आदि जैसे व्यसनों में नहीं पड़ना चाहिए.
कालसर्प दोष की स्थिति जन्मकुंडली में तब बनती है जब सभी ग्रह राहू और केतु के मध्य आ जाएं. कुछ ज्योतिष ये मानते हैं कि कालसर्प दोष व्यक्ति को संघर्षशील बनाता है, ऐसे लोग अनुभव के मामले में दूसरे लोगों की तुलना में अधिक होशियार होते हैं. ऐसे लोग कई विद्याओं के जानकार होते हैं भले ही वे किसी स्कूल या कॉलेज में न गए हों. ऐसे व्यक्ति लेखन और राजनीति के क्षेत्र में भी सफल होते हैं. कई महान लोगों की जन्मकुंडली में यह दोष पाया गया है.
जिन लोगों की जन्मकुंडली में कालसर्प दोष होता है उन्हें भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए. राहु केतु छाया ग्रह हैं लेकिन इनका प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर बहुत अधिक रहता है. इस दोष के प्रभाव को कम करने के लिए एक विशेष पूजा भी की जाती है जिसका स्थान निश्चित है. मान्यता है कि त्र्यंबकेश्वर मंदिर नाशिक और उज्जैन में इस दोष की शांति की जानी चाहिए.