जन्मकुंडली में बिगड़े ग्रहों की चाल को घरेलू उपाय से भी कर सकते हैं ठीक, ये हैं उपाय
व्यक्ति की जन्मकुंडली में जब ग्रहों की चाल बिगड़ जाती है तो वह कई तरह के संकटों से घिर जाता है. मानसिक तनाव, धन की हानि, कर्ज, बीमारी और न जाने कैसी कैसी परेशानियों से जूझने लगता है.
नई दिल्ली: ग्रहों की चाल को घरेलू उपायों के जरिये भी ठीक किया जा सकता है. ग्रहों की चाल बिगड़ने पर जरूरी नहीं है कि मंहगे- मंहगे उपाय किए जाएं. रत्न पहने जाएं और अनुष्ठान किए जाएं. हमारे आसपास भी ऐसी बहुत सी चीजे हैं जिनके जरिए भी हम बड़े से बडे़ ग्रह की बिगड़ी चाल को सही कर सकते हैं. आइए जानते हैं-
सूर्य: जब किसी की जन्मकुंडली में खराब फल देने लगते हैं तो इसका असर व्यक्ति के जीवन पर दिखाई देने लगता है. जिन्हें महसूस कर सूर्य के खराब होने का पता लगाया जा सकता है. जैसे ऑफिस में बॉस से नहीं बन रही है, मान सम्मान में कमी आने लगती है. ये कुछ ऐसी स्थितियां है जिनके आधार पर कहा जाता है कि सूर्य ठीक नहीं चल रहे हैं. सूर्य को ठीक करने के लिए मंहगे रत्न धारण करने से अच्छा है कि आप सुबह उठकर पिता का आर्शीवाद लें. उन्हें खुश रखें. उनकी मनपसंद की जगह घुमाने ले जाएं. पिता जितना खुश होंगे सूर्य का नकारात्मक असर वैसे वैसे कम होने लगेगा.
चंद्रमा: व्यक्ति की कुंडली में जब चंद्रमा नकारात्मक फल देने लगते हैं तो व्यक्ति तनाव में रहने लगता है. अधिक सोचता है. भ्रम की स्थिति बनी रहती है. कोई रोग परेशान करने लगता है. ऐसी स्थिति महसूस होने लगे तो चंद्रमा का उपाय शुरू कर देना चाहिए. चंद्रमा की अशुभता को दूर करने के लिए पूर्णिमा के दिन चंद्रमा को अर्घ्य दें. इससे चंद्रमा शुभ फल देने लगता है.
मंगल: यह ग्रह जब खराब होता है तो व्यक्ति को चोट लगती है. क्रोध आने लगता है. जानवर हमला कर सकते हैं. ऐसी स्थिति अगर जीवन में बनने लगे तो समझ लें कि मंगल ठीक फल नहीं दे रहे हैं. मंगल को ठीक करने के लिए हनुमान जी की पूजा करें. हनुमान चालीसा का पाठ करने से मंगल की अशुभता दूर होगी.
बुध: यह ग्रह जब जन्मकुंडली में अशुभ फल देने लगे तो व्यक्ति को धनहानि होने लगती है. व्यापार में अड़चन आती है. विद्यार्थियों का मन पढ़ाई में नहीं लगता है. बुध की अशुभता को दूर करने के लिए बुधवार को गणेश जी की पूजा करें. गाय की सेवा करें.
बृहस्पति: वैसे तो बृहस्पति कम ही अशुभ फल देते हैं लेकिन जब देते हैं तो फिर व्यक्ति का जीवन संकटों में डाल देते हैं. बृहस्पति जब खराब होते हैं तो घर में शिक्षा में अड़चन आने लगती है. गुरुओं का आर्शीवाद नहीं मिलता है. प्रशासनिक कुशलता में कमी आती है. उच्च पद मिलने में बाधा आने लगती है. बृहस्पति को ठीक करने के लिए बुजुर्गों, गुरुओं को खुश रखें. विद्धान लोगों की संगत करें लाभ मिलेगा. विष्णु भगवान की पूजा करें.
शुक्र: व्यक्ति के जीवन में जब शुक्र खराब फल देने लगते हैं तो सुखों में कमी आने लगती है. पत्नी से संबंध खराब होने लगते हैं. जीवन में निराशा आने लगती है भोग विलासता की चीजों में कमी आती है. चरित्र का नाश होता है. शुक्र की अशुभता को दूर करने के लिए गाय की सेवा करें. मछलियों को भोजन खिलाएं. भगवान शिव की पूजा अर्चना करें. लाभ मिलेगा.
शनि: जन्मकुंडली में जब शनि अशुभता देने लगते हैं तो व्यक्ति के जीवन में संकटों की लाइन लगा देते हैं. आर्थिक स्थिति खराब देते हैं. व्यक्ति स्थिर नहीं रहता है भटकाव की स्थिति पैदा हो जाती है. शनि की अशुभता को दूर करने के लिए हनुमान जी की पूजा करेंं. बुराई करना बंद कर दें. अच्छे कार्यों में मन लगाएं. गरीबों की सेवा करेंं.
राहू-केतु: व्यक्ति के जीवन में जब इन दोनों ग्रहों की चाल बिगड़ती है तो हर तरह के संकट जीवन में आने लगते हैं. व्यक्ति गलत संगत में बैठने लगता है. नशा करने लगता है. चोरी करता है. झूठ बोलने लगता है. हर काम में असफलता मिलता है. काम बिगड़ने लगते है. इन ग्रहों की अशुभता को दूर करने के लिए व्यक्ति को भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए. गलत कामों को करने से बचना चाहिए. झूठ नहीं बोलना चाहिए. घर की रसोई में बैठकर भोजन करना चाहिए.