Astro Tips For Early Marriage: कभी-कभी कुंडली में ग्रह-नक्षत्रों की खराब स्थिति का असर वैवाहिक जीवन पर भी पड़ता है. कुछ लोगों को विवाह में बहुत देरी का सामना करना पड़ता है तो कुछ लोगों के विवाह में बार-बार बाधाएं आती हैं. कुछ लोगों को कुंडली में दोष की वजह से शादी के बाद भी कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है. कुछ जातकों की कुंडली में ऐसे योग भी होते हैं जिसकी वजह विवाह में रुकावट आती है. आइये जानते हैं कि आखिर किन कारणों से विवाह में बाधाएं आती हैं और इन्हें कैसे दूर किया जा सकता है.


इन ग्रहों की वजह से विवाह में आती है बाधा


अगर कुंडली में मांगलिक दोष हो तो शादी में बार-बार बाधा आती है.  जातक के सप्तम भाव का स्वामी अपनी नीच राशि में स्थित हो तो वह बलहीन हो जाता है. इसके प्रभाव से भी विवाह में देरी होती है. कुंडली में बृहस्पति ग्रह दुष्ट ग्रहों से पीड़ित हो ते भी शादी-विवाह में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.


कुंडली (Kundli) में शुक्र ग्रह कमजोर हो तो विवाह में बाधाओं का सामना करना पड़ता है. जन्म कुंडली के नौवें अंश को नवांश कुंडली कहते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नवांश कुंडली में दोष होने पर भी तो जातक को विवाह मे देरी आती है.


शीघ्र विवाह के उपाय


शीघ्र विवाह के लिए मांगलिक दोष का समाधान आवश्यक होता है. जिसके विवाह में देरी आ रही हो उसे ज्यादातर पीले वस्त्र धारण करने चाहिए. प्रतिदिन दुर्गा सप्तशती से अर्गलास्तोत्रम् का पाठ करने से अविवाहित जातकों को लाभ मिलता है. गणेश जी की आराधना करें और उन्हें लड्डुओं का भोग लगाएं.


ऐसा करने से अविवाहितों की शादी में आ रही सारी बाधाएं दूर होती हैं. अविवाहित लड़कियों को गणपति महाराज को मालपुए का भोग लगाना चाहिए. शीघ्र विवाह के लिए अपने पूजा स्थल पर नवग्रह यंत्र स्थापित करे और हर दिन इसकी पूजा करें. हर गुरुवार को पानी में एक चुटकी हल्दी डालकर स्नान करने से भी शीघ्र विवाह के योग बनते हैं. माना जाता है कि शिव-पार्वती जी का विधिवत पूजन करने से भी विवाह की मनोकामना पूरी हो जाती है. 


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