नई दिल्ली: रत्न पहनने से भी कई तरह के कष्ट दूर होते हैं. जीवन में आने वाली कई तरह की परेशानियों को रत्न पहनने से दूर किया जा सकता है. आइए जानते हैं ऐसे ही एक रत्न पुखराज के बारे में.
पुखराज को एक शक्तिशाली रत्न माना गया है. इस रत्न को पहनने की सलाह तब दी जाती है जब व्यक्ति का बृहस्पति ग्रह कमजोर होता है. जन्मकुंडली में जब बृहस्पति ग्रह कमजोर होता है तो व्यक्ति को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. जैसे जॉब में दिक्कत, बॉस का नाराज होना. प्रमोशन में देरी. व्यापार में बाधा, सुखों में कमी आदि की समस्या जीवन में महसूस होने लगती है. इन समस्याओं को दूर करने के लिए पुखराज रत्न पहना जा सकता है. पुखराज को दायीं हाथ की पहली अंगुली में पहना जाता है. इस रत्न का पूर्ण लाभ लेने के लिए बेहतर होगा कि किसी ज्योतिषी से जन्मकुंडली को दिखाएं. क्योंकि किसी भी रत्न को धारण करने से पहले जन्मकुंडली में बैठे उस ग्रह की डिग्री और दशा की जानकारी जरूर कर लेनी चाहिए.
पुखराज भाग्य में आने वाली कमी को भी दूर करता है. यह देखने में पीला होता है. रत्न कितनी रत्ती का होना चाहिए इसका निर्धारण व्यक्ति के वजन से किया जाता है यानि 10 किलोग्राम पर एक रत्ती माना जाता है. इसका अर्थ ये है कि किसी व्यक्ति का वजन 50 किग्रा है तो उसे 5 रत्ती का पुखराज पहनने की सलाह दी जाएगी.
पुखराज धारण के करने बाद व्यक्ति के जीवन में बदलाव आने लगते है. पुखराज पहनने से व्यक्ति में निर्णय लेने की क्षमता में विकसित होती है. विवाह में आ रही देरी को भी दूर करता है. इसे पहनने के बाद व्यक्ति में ऊर्जा का संचार होता है और उत्साहित दिखने लगता है. व्यक्ति की रूचि धर्म कर्म में बढ़ जाती है. जो लोग शिक्षा, प्रशासन,राजनीति और लेखन जैसे कार्यों से जुड़ हुए होते हैं उन्हें यह रत्न विशेष फल प्रदान करता है. मान सम्मान बढ़ाने में मदद करता है. वहीं पाचन तंत्र को ठीक करने में मदद करता है. पुखराज मीन और धनु राशि के लिए बहुत ही लाभकारी माना जाता है.