Astrology: करियर बनाने के लिए हर व्यक्ति का लक्ष्य अलग-अलग होता है. कोई डॉक्टर बनना चाहता है, कोई इंजीनियर, कोई व्यवसायी, कोई वैज्ञानिक तो कोई खिलाड़ी बनना चाहता है.
इन दिनों खेलों के प्रति लोगों का रूझान काफी बढ़ गया है. बात करें क्रिकेट की तो वर्ल्ड कप और 20-20 के साथ ही आईपीएल का क्रेज भी दुनियाभर के लोगों में देखने को मिलता है.
खिलाड़ियों को देख अन्य लोगों की रूचि भी इसमें बढ़ रही है और नई पीढ़ी अपना करियर खेलों में भी बनाना चाहती है. खेल में सफलता के लिए व्यक्ति का शारीरिक गठन, मांसपेशियां, स्टेमिना, फिटनेस, क्षमता आदि की आवश्यकता होती है.
साथ ही एक अच्छे खिलाड़ी में प्रतिस्पर्धा, निर्भयता, शक्ति और पराक्रम जैसे गुणों का होना भी आवश्यक माना जाता है. लेकिन खिलाड़ी बनने के लिए कुंडली में ग्रहों की विशेष स्थिति और योग की भूमिका भी अहम होती है.
खिलाड़ी बनने के लिए कुंडली में होनी चाहिए ग्रहों की ऐसी स्थिति
- किसी भी क्षेत्र में सफलता के लिए पहली शर्त है कुंडली में लग्न और लग्नेश का मजबूत होना. एक अच्छे खिलाड़ी के लिए जरूरी है कि उसकी कुंडली में लग्न और लग्नेश शुभ स्थिति में हों और शुभ ग्रहों की दृष्टि हो.
- खेल जगत में सफलता के लिए खिलाड़ी की कुंडली में तृतीया भाव को भी महत्वपूर्ण माना जाता है. इस भाव का संबंध पराक्रम, साहस से होता है, जोकि किसी भी खिलाड़ी में होना जरूरी है. इसलिए यह जरूरी है कि कुंडली में तृतीया भाव और उसके स्वामी बलवान स्थिति में हों.
- वैसे तो पंचम भाव बुद्धि और विद्या का होता है. लेकिन भावेत भावम के सिद्धांत से यह भाव व्यक्ति के प्रतिभा और दक्षता का प्रतिनिधित्व करता है. इसलिए खिलाड़ी की कुंडली में पंचम भाव पर शुभ प्रभाव, कुंडली में पंचमेश की स्थिति शुभ और मजबूत होनी चाहिए.
- कुंडली का छठा भाव विरोधियों, प्रतियोगिता और संघर्ष से संबंधित होता है. खिलाड़ी की सफलता के लिए कुंडली में छठा भाव और इसके स्वामी की कुंडली में अच्छी स्थिति में होना अहम होता है.
- कुंडली में नवम, दशम और एकादश भाव का भी मजबूत होना खेल में सफलता के लिए जरूरी है. नवम भाव को भाग्य भाव, दशम भाव को कर्म व प्रसिद्धि और एकादश भाव को सभी तरह की उपलब्धियों का स्थान माना जाता है. व्यक्ति की कुंडली में इन भावों और भाव के स्वामियों का मजबूत होकर खेल के कारक भाव, भावेश और ग्रहों के संबंध में खेल में सफलता और उपलब्धि दिलाते हैं.
खेल जगत में सफलता के लिए इस ग्रह को करें मजबूत
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मंगल ग्रह को खेल या स्पोर्ट्स का कारक ग्रह माना जाता है. मंगल का संबंध ऊर्जा, अक्रामकता, पराक्रम, ताकत और वीरता से है. किसी भी खिलाड़ी में इन गुणों का होना आवश्यक है. साथ ही पराक्रम भाव का स्थायी कारक मंगल है.
इन्हीं कारणों से खेल का सर्वप्रमुख कारक ग्रह मंगल है और एक अच्छा व सफल खिलाड़ी बनने के लिए यह बेहद जरूरी है कि कुंडली में मंगल ग्रह की स्थिति मजबूत रहे.
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