Astrology, Zodiac Sign : ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राशि के अनुसार भी रोग का पता लगाया जा सकता है. ग्रहों की चाल सेहत को प्रभावित करती है. देवता और असुरों के बीच जब समुद्र मंथन हुआ तो इसमे से 14 रत्न निकले थे, मंथन से ही धन्वंतरि भी प्रकट हुए थे. धन्वंतरि को संसार का प्रथम चिकित्सक माना गया है. माना जाता है कि पुरातन काल में चिकित्सक आयुर्वेद के साथ-साथ ज्योतिष शास्त्र का भी सहारा लेते थे.


कुंडली के ये भाव रोग का पता देते हैं
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली के छठवें, आठवें या बारहवें स्थान में जब पीड़ित ग्रह हो तो इन भाव से संबंधित बीमारी की संभावना बनी रहती है. 



  • मेष राशि (Aries)- यह अग्नि तत्व राशि है. यह मस्तिष्क सिर, जीवन शक्ति और पित्त को प्रभावित करती है . इस लग्न वाला व्यक्ति श्रेष्ठ जीवन शक्ति वाला होता है. इनका स्वामी मंगल होता है इसलिए इनको मूंगा धारण करना चाहिए. 

  • वृषभ राशि (Taurus)- यह पृथ्वी तत्व राशि है . यह मुख, नेत्र, कंठ नली, आंत तथा वात को प्रभावित करती है. इस लग्न वाला सामान्यतः स्वस्थ रहता है. गले में संक्रमण की शिकायत इन व्यक्तियों को अधिक रहती है, इसके लिए सावधानी बरतें तो उत्तम होगा. 

  • मिथुन राशि (Gemini)- यह वायु तत्व राशि है. यह कंठ, भुजा, श्वास नली, रक्त नली, श्वास क्रिया तथा कफ को प्रभावित करती है. इस लग्न वाले की जीवन शक्ति सामान्य रहती है. 

  • कर्क राशि (Cancer)- यह जल तत्व राशि है. यह वक्षस्थल, रक्त संचार और पित्त को प्रभावित करती है. इस राशि लग्न वालों को मोती लाभकारी है जो जीवनदायिनी औषधि का काम करता है.

  • सिंह राशि (Leo)- यह अग्नि तत्व राशि है. यह जीवन शक्ति, हृदय, पीठ, मेरुदंड आमाशय आंत और वात को प्रभावित करती है. इस लग्न, राशि वालों में जीवन शक्ति अधिक रहती है. इनके लिए मूंगा जीवन शक्तिदायक और लाभदायक है.

  • कन्या राशि (Virgo)- जन्मपत्रिका में छठा स्थान बीमारी का स्थान माना जाता है. इस कारण जन्मपत्री का परीक्षण करते समय छठवें स्थान या कन्या राशि का सूक्ष्म और सावधानी से परीक्षण करना चाहिए. यह पृथ्वी तत्व राशि है. यह उदर के बाहरी भाग, हड्डी और कफ को प्रभावित करती है.

  • तुला राशि (Libra)- यह वायु तत्व राशि है. यह कम, श्वास क्रिया तथा पित्त को प्रभावित करती है. इस लग्न वालों के स्वास्थ्य के लिए हीरा लाभकारी है. 

  • वृश्चिक राशि (Scorpio)- यह जल तत्व राशि है. यह जननेंद्रिय, गुदा, गुप्तांग, रक्त संचार और वात को प्रभावित करती है. 

  • धनु राशि (Sagittarius)- यह अग्नि तत्व राशि है. यह जांघ, नितंब तथा कफ और पाचन क्रिया को प्रभावित करती है. इसके लिए पीला पुखराज लाभकारी है.

  • मकर राशि (Capricorn)- यह पृथ्वी तत्व राशि है. यह जांघ, घुटनों के जोड़ फलित विचार हड्डी, मांस तथा पित्त को प्रभावित करती है, इनके लिए नीलम और हीरा लाभकारी है.

  • कुंभ राशि (Aquarius)- यह वायु तत्व राशि है. यह घुटने, जांघ के जोड़, हड्डियों नसों, हाथ, श्वास क्रिया तथा वात को प्रभावित करती है. 

  • मीन राशि (Pisces)- यह जल तत्व राशि है. यह पैर, पैर की उंगलियां, नसों, जोड़ों, रक्त संचार, गर्दन के पीछे का भाग तथा कफ को प्रभावित करती है. इनके स्वास्थ्य के लिए पुखराज लाभकारी है. 


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