राहु और केतु अगर दे रहे हैं टेंशन तो इसका उपाय आपके घर में ही है, ऐसे करें शांत
Astrology : ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नाग का फन राहु और पूंछ केतु है. इन्हें पाप ग्रह माना गया है. ये अशुभ होने पर बाधा और परेशानी प्रदान करते हैं. इन्हें कैसे शांत रखा जाए, जानते हैं.
Astrology: नागों से नाराजगी आपके बनते हुए कामों पर अड़ंगा डाल सकती है क्योंकि नाग कुंडली में नाराज हो तो कुंडली के राजयोग भी फलित नही होते हैं. बड़े से बड़े राजयोग पर भी नाग कुंडली मार कर बैठ जाता है. बहुत से लोग कालसर्प योग से परेशान होकर अनेक पूजा पाठ कराते हैं, लेकिन घर में ही एक ऐसी चीज है, जिसके प्रयोग से नागों का दोष कम हो जाता है. नाग राहु-केतु का प्रतिनिधित्व करते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नाग का फन राहु और पूंछ केतु है. राहु और केतु सदैव 180 अंश पर जन्मपत्री में देखे जा सकते हैं, इनको नियंत्रित करने के लिए पीतल की घंटी या घंटा की ध्वनि कंपन जीवन शक्ति को बढ़ाने वाली और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है.
किसी मंदिर में आरती प्रारंभ हो गई है इसके जानकारी हमें दूर घंटों की आवाज से पता लग जाती है. घर हो या मंदिर सभी जगह घंटी बजाने का प्रावधान है. पूजा की घंटी को नाद की संज्ञा दी गई है. स्कंद पुराण में वर्णित है कि जब सृष्टि का प्रारंभ हुआ था, तब जो नाद हुआ था. आधुनिक युग में उस नाद को ही घंटी की ध्वनि का प्रतीक माना गया है. मान्यता है कि घंटी से वही नाद अर्थात ध्वनि निकलती है. जो ध्वनि ओंकार के उच्चारण में निकलती है.
घंटी का संबंध भगवान विष्णु के वाहन पक्षीराज गरुड़ से है. घंटी बजने की साउंड वाइब्रेशन गरुड़ मंत्र के वाइब्रेशन के बराबर है. इसलिए घंटी को बजाने से पक्षीराज गरुड़ की कृपा होती है, उससे नाग या राहु-केतु कुपित नहीं रहते हैं. शांत हो जाते हैं. हमारे पूजा घर में देवतुल्य होती है, देवताओं के साथ रखी जाती है.
घंटी कैसी होनी चाहिए?
घंटी के ऊपर गरुड़ का चिन्ह होना चाहिए. बाजार में कई प्रकार की घंटियां मिलती हैं, लेकिन घर की नित्यप्रति पूजा में हमें गरुड़ चिन्ह वाली घंटी ही बजानी चाहिए. जो व्यक्ति गरुड़ चिन्ह से युक्त घंटी-धूप हाथ में लेकर पूजा-आरती करता है, उस मनुष्य के कई जन्मों के पापों का विनाश हो जाता है.
घंटी बजाने के लाभ-
राहु-केतु के प्रकोप या नाग देवता की नाराजगी के कारण आर्थिक संकट हो, किसी को दिया धन फंस गया हो तो नियमित आरती में घंटी बजाने से लक्ष्मी मां प्रसन्न होती है. घंटी की मनमोहक और कानों को प्रिय लगने वाली ध्वनि भगवान की भक्ति करते समय मन को अध्यात्म भाव की ओर ले जाने का सामर्थ्य रखती है.
- वैज्ञानिकों के अनुसार घंटी को बजाने से वातावरण में एक प्रकार का कंपन पैदा होता है जिससे हवा में मौजूद कीटाणु-विषाणु का नाश होता है और माहौल शुद्ध और पवित्र हो जाता है.
- पूजा के समय घंटी बजाने से मानव के कई जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं.
- घंटी बजाने से भगवान के समक्ष आपकी हाजरी लग जाती है, जिससे आपके द्वारा की गई पूजा-अर्चना अधिक फलदायी हो जाती है.
- धातु से बनी घंटी बजाने पर जो ध्वनि निकलती है, वह मस्तिष्क के दाएं और बाएं हिस्से को संतुलित करती है. ज्योतिष शास्त्र कहता है कि शरीर के सभी हीलिंग प्वाइंट्स को घंटी की गूंज सक्रिय कर देती है. मन, मस्तिष्क और शरीर को घंटी की ध्वनि अलग तरह की सकारात्मक ऊर्जा से भर देती है.
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