(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Politics: राजनीति में सफलता के लिए किन ग्रहों का शुभ होना सबसे जरुरी है?
Politics: देश में लोक सभा चुनाव (Lok Sabha 2024) चल रहे हैं. जो लोग राजनीति में सक्रिय हैं, वे जानने की चाहत रखते हैं कि वे कौन से ग्रह हैं जो इस क्षेत्र में सफलता दिलाने में सहायक होते हैं.
Politics: ज्योतिष शास्त्र (Astrology) में 9 ग्रहों में से कुछ ग्रह ऐसे भी बताए गए हैं जो सत्ता-सुख, प्रसिद्धि और विशेष सामाजिक पहचान के कारक होते हैं. वर्तमान समय में लोकसभा चुनाव हो रहे हैं, मंगलवार को तीसरे चरण (Lok Sabha Election 2024 Phase 3) का मतदान हो रहा है.
ज्योतिष शास्त्र में शासन,सत्ता, राजनीति आदि विषयों के बारे में विस्तार से बताया गया है. इन क्षेत्रों को प्रभावित करने वाले ग्रहों का भी वर्णन किया गया है. मान्यता है कि शुभ और मजूबत होने की स्थिति में कुछ ग्रह व्यक्ति को राजनीति के क्षेत्र में अपार सफलता दिलाते हैं. आइए जानते हैं कि राजनीतिक सफलता के लिए कौन से ग्रह व्यक्ति को प्रभावित करते हैं.
सूर्य (Sun)
सूर्य ग्रह ज्योतिष शास्त्र में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है. इसे ग्रहों का राजा माना जाता है. सूर्य ग्रह आत्मा, आत्मविश्वास, नेतृत्व, शक्ति, यश, प्रसिद्धि, सम्मान, और पिता का प्रतिनिधित्व करता है. यह राजनीति, प्रशासन, उच्च पद और सरकारी नौकरी का कारक माना जाता है.
मजबूत सूर्य ग्रह वाले व्यक्ति आत्मविश्वासी, नेता, प्रभावशाली, और सफल होते हैं. इन लोगों को समाज में खूब मान-सम्मान प्राप्त होता है. यह लोग अपने करियर में ऊंचाइयों तक जाते हैं. राजनीति में सफलता के लिए सूर्य का मजबूत होना अति आवश्यक है. सूर्य कमजोर हो तो राजनीतिक जीवन में कई बाधाएं आती हैं.
गुरु (Jupiter)
ज्योतिष शास्त्र में गुरु को बहुत शुभ ग्रह माना गया है. गुरु को संबंध ज्ञान, उच्च पद और प्रशासन से भी माना गया है. जिन लोगों की कुंडली में गुरु शुभ होते हैं उन लोगों को राजनीति में विशेष सफलता मिलती है. ऐसे लोग राजनीति में ऊंचा पद प्राप्त करते हैं. जिन लोगों की कुंडली में गुरु शुभ हों वो मंत्री बनने की क्षमता रखते हैं.
जिन लोगों पर गुरु की कृपा हो वो लोग अपने कार्यो से समाज को नई दिशा देते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुरु को धनु और मीन राशि का स्वामी माना गया है. मजबूत गुरु ग्रह वाले व्यक्ति ज्ञानी,बुद्धिमान,शिक्षित,और राजनीति में सफल होते हैं.
शनि (Shani Dev)
ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव को कर्मफलदाता और न्यायाधीश माना गया है. शनि मकर और कुंभ राशि के स्वामी हैं. शनि का संबंध कड़ी मेहनत से हैं. राजनीति के क्षेत्र में सफलता दिलाने में शनि ग्रह को महत्वपूर्ण माना गया है. शनि मजबूत होने पर लोगों को जनता का साथ मिलता है.
जिन लोगों की कुंडली में शनि की स्थिति शुभ होती है उन लोगों को मेहनत का फल जरूर मिलता है. यह लोग कमजोर वर्ग की मदद करते हैं और उन्हें मजबूत बनाने का कार्य करते हैं. असहायों की मदद करने और ईमानदारी से काम करने की वजह से शनि इन्हें राजनीति में खूब सफलता दिलाते हैं.
राहु-केतु (Rahu- Ketu)
इन दोनों ग्रहों को पापी ग्रह माना जाता है. ज्योतिष शास्त्र में इन्हें छाया ग्रह भी कहा जाता है. इन दोनों ग्रहों की वजह से जीवन में अचानक घटनाएं घटती हैं. जिन लोगों की कुंडली में ये ग्रह शुभ होते हैं तो उन्हें राजनीति के क्षेत्र में बहुत सफलता मिलतीती है.
राह-केतु के कृपा से लोग अचानक राजनीति के क्षेत्र में आते हैं और देखते ही देखते छा जाते हैं. यह लोग बहुत अच्छे रणनीतिकार होते हैं और कूटनीति में भी माहिर होते हैं. ऐसे लोग अपने शत्रु पर विजय प्राप्त करते हैं.
राजनीति और जन्म कुंडली के भाव
वैदिक ज्योतिष में जन्म कुंडली के दसवें घर को राजनीति का घर और सत्ता का स्थान कहा गया है. जन्म कुंडली का चतुर्थ भाव जनता के बीच जाकर चुनाव लड़ने का भाव है इसलिए चतुर्थ भाव जनता और चुनाव को दर्शाता है. जन्म कुंडली का ग्यारहवां भाव राजनीति से धन लाभ को दर्शाता है.
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