Astrology: विवाह जैसे मांगलिक कार्यों के लिए नवंबर और दिसंबर में पंचांग के अनुसार काफी मुहूर्त बने हुए हैं. अगले वर्ष यानि 2023 में भी शादी-विवाह के मुहूर्त बने हुए हैं. जो लोग विवाह करना चाहते हैं वे अपनी कुंडली का मिलान कराते हैं. कुंडली में बैठे ग्रह जीवनसाथी के बारे में बताते हैं. आप भी कुंडली को देखकर जीवनसाथी के बारे में पता लगा सकते हैं. यहां पर पंडित सुरेश श्रीमाली कुछ ऐसी बातें बता रहे हैं, जिन्हें समझ कर आप भी आसानी से जीवनसाथी के बारे में जान सकते हैं-


कुंडली का सप्तम भाव
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सप्तम स्थान में जो राशि होती है, उसके स्वभावनुसार भावी जीवनसाथी का व्यक्तित्व होता है. यदि यहां अग्नितत्व की राशि हो जैसे-



  • मेष राशि (Aries)

  • सिंह राशि (Leo)

  • धनु राशि (Sagittarius)


तो साहसी, निर्भीक, गुस्से वाला साथी मिलता है. 


जल तत्व की राशि हो जैसे-



  • कर्क राशि (Cancer)

  • वृश्चिक राशि (Scorpio)

  • मीन राशि (Pisces)


तो भावुक, कोमल स्वभाव का साथी होता है. 


पृथ्वी तत्व की राशि हो जैसे-



  • वृषभ राशि (Taurus)

  • कन्या राशि (Virgo)

  • मकर राशि (Capricorn)


तो कार्यकुशल मगर अंतर्मुखी होते हैं. 


वायु तत्व की राशि हो जैसे- 



  • मिथुन राशि (Gemini)

  • तुला राशि (Libra)

  • कुंभ राशि (Aquarius)


तो व्यवहार कुशल, वाचाल, सामाजिक होते हैं.


सप्तम भाव में जो ग्रह हो, उसके अनुसार भी भावी साथी के स्वभाव का अंदाज लगाया जा सकता है. जैसे



  1. सूर्य: अहंकारी, आत्मविश्वासी, ऊँचे खानदान वाला, हुकुमत व अधिकार जताने वाला.

  2. मंगल: महत्वाकांक्षी, गुस्सैल, उत्साही, खर्चीला, खाने-पीने का शौकीन.

  3. बुध: व्यवहार कुशल, बातूनी, बुद्धिमान,

  4. गुरू: ज्ञानवान- सुशिक्षित, धार्मिक, नम्र, समझदार.

  5. शुक्र: कलाप्रिय, अच्छी अभिरुचि वाला, रूपवान, गृहस्थी में रस लेने वाला, सौंदर्य प्रिय.

  6. शनि: गंभीर, अंतर्मुखी, रूढ़िवादी, निराशावादी.

  7. चंद्र: कोमल, भावुक, मददगार, शांत स्वभाव.

  8. राहु/केतु: विषयवासना युक्त, समझदारी का अभाव, रिश्तों में स्वार्थ भावना रखने वाला, कूटनीतिज्ञ.


ऐसे लोगों का दांपत्य जीवन खुशियों से भरा रहता है
सप्तम भाव में जो राशि है उसका स्वामी यदि लग्न, तृतीय, पंचम, सप्तम, नवम या दशम में हो तो वैवाहिक जीवन खुशहाल रहता है. यह 6, 8, 12 में हो तो धन, स्वास्थ्य या वैचारिक तालमेल जैसी परेशानियां बनी रहती हैं.


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