Astrology, Zodiac Sign : राज को राज ही रहना चाहिए. लेकिन कई बार ये राज बाहर आ जाते हैं. मित्रता में कई बार बात की गंभीरता को नहीं समझ पाता है और उत्साह या भावावेश में आकर वो सब बातें ऐसे लोगों के सामने बोल देता है, जो नहीं बोलनी होती हैं. इस गलती के कारण गंभीर नुकसान भी उठाने पड़ते हैं. इसलिए अपनी गहरी बातों को हर किसी के साथ साझा नहीं करना चाहिए.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुछ ऐसी राशियां है, जिन पर अशुभ ग्रहों की दृष्टि जब पड़ती है तो व्यक्ति को वाणी दोष या फिर कब कौन सी बात कहनी या बोलनी चाहिए, इसका सही अदांजा नहीं लगा पाता है.
मेष राशि (Aries)- मेष राशि का स्वामी मंगल है, मंगल का प्रभाव इस राशि पर दिखाई देता है. मंगल जब मेष राशि की कुंडली में कमजोर होता है या फिर पाप ग्रह राहु और केतु से पीड़ित होता है तो इस राशि के लोग अपनी जुबान पर नियंत्रण नहीं कर पाते हैं और क्रोध या आवेश में आकर कभी-कभी वो बातें भी मुख से निकल जाती हैं जो नहीं निकालनी चाहिए. इस कारण कभी-कभी इन्हें दुख और कष्ट का भी सामना करना पड़ता है. इनका हृदय कोमल और मन साफ होता है, जिस कारण ये चालक लोगों की बातों को समझ नहीं पाते हैं. मेष राशि वालों को स्वार्थी और लोभी व्यक्तियों से सावणान रहना चाहिए.
मिथुन राशि (Gemini)- मिथुन राशि के स्वामी बुध है. बुध का सीधा संबंध वाणी से माना गया है. ज्योतिष शास्त्र में बुध को एक सौम्य ग्रह माना गया है. यही कारण है कि मिथुन राशि वाले अपनी भाषा-बोली को लेकर बहुत ही सजग रहते हैं. मिथुन राशि पर जब क्रूर ग्रहों की दृष्टि पड़ती है तो ऐसे लोग कठोर वचन बोलने लगते है. जिस कारण अन्य लोग इनसे दूरी बना लेते हैं. ये अपनी दिल की बात हर किसी के साथ शेयर कर लेते हैं. जिस कारण लोग इनका गलत इस्तेमाल भी करने की कोशिश करते हैं. ऐसे लोगों को मित्र बनाते समय सावधानी बरतनी चाहिए.
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