Astrology, Zodiac Sign: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहों के प्रकार और स्वभाव के बारे में बताया गया है. ये ग्रह राशियों को भी प्रभावित करते हैं. जिस कारण मनुष्य के स्वभाव में भी भिन्नता देखी जाती है. यही कारण है कि इस राशि के लोगों सहज किसी से न नहीं कह पाते हैं. जिस कारण इन्हें तरक्की और असफलता दोनों ही मिलती हैं. जब ऐसे लोगों को जीवन में अच्छा व्यक्ति मिल जाता है तो ऐसे लोगों की तरक्की की रफ्तार तेज होती है वहीं जब चालक किस्म के लोग जीवन में मिल जाते हैं तो इन्हें नुकसान भी उठाना पड़ जाता है.


मिथुन राशि (Gemini)- मिथुन राशि का स्थान राशि चक्र में तीसरा माना गया है. इस राशि का स्वामी बुध है. ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को सौरमंडल का सौम्य ग्रह माना गया है. बुध को ग्रहों का राजकुमार भी कहा गया है. बुध का प्रभाव इस राशि पर देखने को मिलता है. बुध को वाणी, बिजनेस, मैथ यानि गणित, लेखन, गायन, कानून, तर्क शास्त्र आदि का कारक भी माना गया है. मिथुन राशि वालों की कुंडली में जब पाप ग्रह यानि राहु और केतु प्रभावी होते हैं तो ऐसे लोग किसी को न नहीं कह पाते हैं. ये बॉस की बात मानने वाले होते हैं. बॉस जब अच्छा होता है तो ये बहुत जल्द प्रमोशन पाते हैं और आय में भी वृद्धि होती है.


वृश्चिक राशि (Scorpio)- राशि चक्र की ये आठवी राशि है. मंगल को वृश्चिक राशि का स्वामी माना गया है. ज्योतिष शास्त्र में मंगल को एक उग्र ग्रह के रूप में बताया गया है, जो सेना, युद्ध, रक्त, तकनीक, ऊर्जा, भूमि आदि का कारक है. वृश्चिक राशि वालों की कुंडली में जब मंगल ग्रह की स्थिति कमजोर या क्रूर ग्रहों की दृष्टि हो तो इस राशि के लोग न करने में बहुत देर लगती है. आसानी ये किसी को न नहीं कह पाते हैं. यही कारण है कि लोग इनसे कर्ज मांगने के लिए सदैव तैयार रहते हैं. वृश्चिक राशि वालों की इस आदत का चालक किस्म के लोग लाभ भी उठाते हैं. 


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