Rahu in Astrology: ज्योतिष में राहु को पाप ग्रह माना जाता है. राहु (Rahu) राक्षसी सांप का मुखिया है राहु के गुण रोग, शत्रुता और ऋण होते हैं. चंद्रमा और राहु की स्थिति मन में विचित्र समस्याएं पैदा करती है.
कुंडली में जब राहु अशुभ फल देता है तो व्यक्ति धन हानि, मानसिक तनाव, घबराहट, चिंता, रिश्तों में दरार, भ्रम की स्थिति, डिप्रेशन, वाहन दुर्घटना आदि तमाम समस्याएं होने लगती है. अशुभ ग्रह राहु को शांत करने के लिए ज्योतिष शास्त्र में कुछ विशेष उपाय बताए गए हैं, इनके जरिए राहु की दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है. जानें राहु की अशुभता से मुक्ति पाने के उपाय.
घबराहट, तनाव, चिंता मुक्ति के लिए राहु के उपाय (Rahu ke upay)
- राहु की अशुभता से मुक्ति पाने के लिए शिव जी की उपासना सर्वश्रेष्ठ मानी गई है. सोमवार का व्रत (Somwar Vrat) रखें. ऊं नम: शिवाय मंत्र का रोजाना 108 बार जाप करें.
- राहु के खराब होने से मन भ्रमित होने लगता है ऐसे में योग-ध्यान (Yoga) का निरंतर अभ्यास करना राहु को शांत करता है. मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है.
- राहु के दुष्प्रभाव से बचने के लिए बाबा भैरवनाथ (Bhairav Puja) के समक्ष सरसों के तेल का दीपक लगाएं और भैरवाष्टक का पाठ करें.
- बुद्धि-विवेक पर राहु का दुष्प्रभाव हो तो उससे बचने के लिए जातक को भ्रामरी और शीतलीकरण प्राणायाम करना चाहिए. इससे मन शांत रहता है, वाणी पर कंट्रोल बना रहता है.
- कुंडली में राहु के कारण सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है, डिप्रेशनल, तनाव बना रहता है तो काले कपड़े, सरसों का तेल, तिल का तेल, गुड़ आदि का दान करें. इससे व्यक्ति बुरे कर्म की ओर नहीं जाता. टेंशन से छुटकारा मिलता है.
- गाय को हरा चारा खिलाने से राहु का प्रभाव कम होता है.
राहु अशुभ कब होता है (Rahu Bad impact)
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में राहु और अन्य ग्रह का एक साथ होना अशुभ माना जाता है. किसी भी ग्रह के साथ राहु की युति अशुभ फल देती है. जैसे सूर्य और राहु की युति से पितृ दोष, शनि और राहु की युति से श्रापित दोष, गुरु-राहु की युति से गुरु चांडाल योग बनता है.
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