Astrology, Remedy: ज्योतिष शास्त्र में शनि को एक क्रूर ग्रह तो मंगल को एक उग्र ग्रह बताया गया है. ये दोनों ही ग्रह शुभ होने पर जहां मनुष्य को छप्पर फाड़ के लाभ ही लाभ प्रदान करते हैं वहीं अशुभ होने की स्थिति में ये जीवन में कष्ट, परेशान और बाधा भी भर देते हैं. ये दोनों ही ग्रह बुरी आदतों से बहुत जल्द खराब परिणाम प्रदान करते हैं. इसलिए इन कार्यों को कभी नहीं करना चाहिए.
शनि को पसंद नहीं है ये गलत काम
शनि का कलियुग का दंडाधिकारी बताया गया है. शनि देव को कर्मफलदाता और न्यायाधीश भी कहा जाता है. माना जाता है कि मनुष्य के अच्छे बुरे कार्यों के आधार पर ही शनि देव फल प्रदान करते हैं. यदि मनुष्य नेकी के रास्ते पर चलता है और अच्छे कार्य करता है तो शनि देव उसे शुभ फल प्रदान करते हैं. ऐसे लोग जीवन में अपार सफलताएं प्राप्त करते हैं. शनि इन कामों को करने से बहुत जल्द नाराज होते हैं.
- कमजोर को कभी न सताएं.
- धन का प्रयोग दूसरों का अहित करने के लिए न करें.
- परिश्रम करने वालों को कभी परेशान न करें.
- पशु-पक्षियों का कष्ट न पहुंचाएं.
- नियमों को न तोड़ें.
- लोभ न करें.
- किसी का अनादर न करें.
इन कामों को करने से मंगल हो जाता है अमंगल
मंगल ग्रह को ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों का सेनापति बताया गया है. मंगल को साहस, युद्ध, रक्त आदि का कारक माना गया है. मंगल को ऊर्जा भी बताया गया है. मंगल जब अशुभ होता है तो व्यक्ति के स्वभाव में विशेष परिवर्तन लाता है, जिसके कारण गंभीर संकटों का सामना करना पड़ता है. इसलिए इन कार्यों को नहीं करना चाहिए-
- क्रोध न करें.
- दूसरों का अपमान करने से बचें.
- हर प्रकार के नशे से दूर रहें.
- अहंकार न करें.
- कठोर वचनों का प्रयोग न करें.
- गलत संगत से दूर रहें.
शनि और मंगल के उपाय
शनि और मंगल को शांत करने के लिए ये उपाय करने चाहिए. इन उपायों को करने से ये ग्रह शांत होते हैं और शुभ फल प्रदान करते हैं. शनिवार का दिन शनि देव और मंगल का दिन हनुमान जी को समर्पित है. हनुमान जी और शनि देव की पूजा करने ये ग्रह शुभ होते है. दान और पुण्य के कार्यों को करने से जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं.
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