Astrology : शरीर के अंगों का फड़कना एक सामान्य बात है. यहां तक की तुलसीदास जी ने राम चरित मानस में कई बार अंगों के फड़कने के बारे में उल्लेख किया है. समुद्रशास्त्र के अनुसार व्यक्ति का शरीर इतना संवेदनशील होता है और उसके पास ऐसी शक्तियां होती है कि वो आने वाली घटनाओं के बारे में पहले से ही भाप लेता है. अंगों का फड़कना भविष्य में होने वाली घटनाओं के बारे में संकेत देते हैं. यह संकेत शुभ और अशुभ दोनों प्रकार के होते हैं. यहां पर इस बात का ध्यान रखना है कि जो फल पुरूष के दांये अंग का है वहीं स्त्री के बांयें अंग का और जो पुरूष के बांये अंग का वहीं फल स्त्री के दाहिने अंग का माना जाएगा.


अंगों के फड़कने का अर्थ काफी बेहतर माना गया है. हालांकि महिला और पुरुष के अंगों के फड़कने का अर्थ अलग-अलग होता है. आइए जानते हैं कि कौन से अंग के फड़कने से क्या लाभ होता है और इसका मतलब क्या है.


1. यदि व्यक्ति के सिर का ऊपरी भाग फड़के तो ऐसे व्यक्ति को यश, धन और लाभ मिलता है और साथ ही उसकी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं.
2. सिर का दांया भाग फड़कने से पदोन्नति के आसार होते हैं. सौभाग्य में वृद्धि होती  है और मां लक्ष्मी की कृपा की प्राप्ति होती है.
3. यदि किसी के सिर का बांया भाग फड़कता है वह उसे यात्रा करवाता है. उसे किसी मांगलिक कार्य में शामिल होने के लिए घर से दूर जाना पड़ता है.
4. किसी व्यक्ति के सिर का यदि पिछला भाग फड़कता है तो यह विदेश यात्रा करवाता है.
5. सिर के मध्य का फड़कना विदेश यात्रा और धन प्राप्ति का संकेत है. जल्द ही ऐसे व्यक्ति को धन लाभ होने वाला होता है.
6. ललाट के दांयी ओर का हिस्सा फड़कने से धन और यश लाभ की प्राप्ति होती है.
7. ललाट के बांया हिस्से का फड़कना मनोरथ पूर्ति करवाता है.
8. यदि मस्तक के बीच का भाग फड़कता है, तो यह घर में सुख-समृद्धि का आगमन करवाता है और यात्रा भी करवाता है.
9. जब किसी व्यक्ति का पूरा माथा फड़कता है तो यह उच्च पद में बैठता है और राज्य में सम्मान भी दिलाता है.
10. जब दांई भौंह फड़कती है तो मन खुश रहता है और पुत्र प्राप्ति के योग बनते हैं.
11. यदि बांयी भौंह फड़क रही है तो सचेत हो जाना चाहिए, ऐसे में मित्र से खटपट हो सकती है.
12. जब दोनो भौंहे बारी-बारी से फड़कती हैं तो सुख का भोग कराती है, साथ ही विजय भी दिलाती है और ऐसे व्यक्ति की यदि कोई इच्छा हो तो वह जल्दी ही पूरी होती है.
13. ऊपर की ओर दांयी आंख का फड़कना सुख की प्राप्ति कराता है. ऐसे व्यक्ति को खूब यश मिलता है.
14. नीचे की ओर दांयी आंख का फड़कना हानि, भय और नाश का संकेत देता है. इसलिए इसके लिए पहले से ही सचेत हो जाना चाहिए.
15. ऊपर की ओर जब बांयी आंख फड़कती है तो यह सुख का भोग कराने वाली होती है.
16. नाक का अग्रभाग जब फड़कता है तो यश की प्राप्ति होती है.
17. नाक का यदि बांये छिद्र के आस-पास का हिस्सा फड़कता है तो ऐसे व्यक्ति के घर में रोग का आगमन होता है, परंतु इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है. ऐसा व्यक्ति जल्द ही स्वस्थ भी हो जाता है.
18. नाक के दांये छिद्र के आस-पास फड़कने से किसी सुगंधित पदार्थ जैसे परफ्यूम, डियों या कोई खुशबूदार फूल का उपहार मिलता है.
19. दांये कान का फड़कना कोई मंगल समाचार दिलवाता है और साथ ही विजय की प्राप्ति भी कराता है.
20. जब बांया कान फड़कता है तो इससे यदि कोई वस्तु गुम हो गई हो तो उसकी प्राप्त होने का संकेत देता है.


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