(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Astrology : कुंडली का ये घर बताएगा, प्यार में मिलेगी सफलता या असफलता
Astrology, Zodiac Sign : प्यार में सफलता मिलेगी या नहीं. इसका पता कुंडली को देखकर लगाया जा सकता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली के इस भाव से प्रेम संबंधों के बारे में पता लगाया जाता है.
Astrology, Zodiac Sign : लव रिलेशन में सफलता मिलेगी या नहीं. ये सवाल यदि आपके मन में हैं तो इसका उत्तर आप स्वयं भी तलाश सकते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली का पंचम भाव प्रेम संबंधों के बारे में बताता है. वैलेंटाइन वीक आरंभ हो चुका है. ये सप्ताह प्रेम को समर्पित है. लव लाइफ कैसी रहेगी, प्रेम संबंधों में सफलता मिलेगी या नहीं इन सभी प्रश्नों का उत्तर कुंडली के पंचम भाव को देखकर ही दिया जाता है.
जन्म कुंडली का 5वां भाव (kundli 5th house)
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में 12 भाव होते हैं. कुडंली का प्रत्येक भाव अपना एक विशिष्ट स्थान रखता है. यहां बात कर रहे हैं पंचम भाव की तो कुंडली के इस भाव से प्रेम, यानि लव लाइफ और लव रिलेशन के बारे में पता लगाया जाता है. इस भाव को संतान और शिक्षा का भी कारक माना गया है.
पंचम भाव पर पाप ग्रह की दृष्टि
पंचम भाव पर जब पाप ग्रह की दृष्टि पड़ती है इसके फलों में कमी आ जाती है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसाार राहु और केतु को पाप ग्रह की श्रेणी में रखा गया है. माना जाता है कि जब पंचम भाव पर राहु या केतु की दृष्टि पड़ती है तो लव लाइफ में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ऐसे लोगों को प्रेम में सफलता पाने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ता है. कभी- कभी असफलता का सामना करना पड़ता है.
पंचम भाव पर शनि की दृष्टि (shani in 5th house in kundli)
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि, मंगल और सूर्य को क्रूर ग्रह की श्रेणी में रखा गया है. जब इन ग्रहों की दृष्टि कुंडली के पंचम भाव पड़ती है तो व्यक्ति को प्रेम संबंधों में बहुत अड़चनों का सामना करना पड़ता है. इन ग्रहों के कारण ब्रेकअप जैसी समस्या का भी सामना करना पड़ता है. ये ग्रह लव मैरिज में भी बाधा देने का कार्य करते हैं. इन ग्रहों को इन मंत्रों के जाप से शुभ बनाया जा सकता है और आने वाली बाधाओं को दूर किया जा सकता है. इन मंत्रों का एक माला नित्य जाप करना शुभ बताया गया है.
ज्योतिषीय उपाय (Remedy)
राहु मंत्र (rahu mantra)- ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम:
केतु मंत्र (ketu mantra)- ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं स: केतवे नम:
शनि मंत्र (shani mantra)- ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः
मंगल ग्रह का मंत्र (mangal mantra)- ॐ भौम भौमाय नमः
सूर्य मंत्र (surya mantra)- ॐ सूर्याय नम:
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