(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
कुंडली में बुध और गुरु का कांबिनेशन दिलाता है बच्चों को उच्च शिक्षा, उच्च का बुध दिलाता है मान-सम्मान और यश
Astrology : कुंडली में गुरु की स्थिति, युति तथा दृष्टि देखी जाती है, लेकिन बुद्धि के बारे में मुख्यतः बुध पर ज्यादा केंद्रित होना पड़ता है इसलिए शिक्षा प्राप्ति में बुध मुख्य भूमिका निभाते हैं.
Astrology : बुध के पास दो राशियां मिथुन और कन्या का स्वामित्व है. बुध ही एकमात्र ग्रह है जो अपने ही घर कन्या राशि में परम उच्च का होता है. बुध बुद्धि का कारक ग्रह है. यह बुद्धि के कार्यों में सुधार या बिगाड़ करता रहता है. अगर जन्म कुंडली में बुध उच्च हो, तो व्यक्ति अपने कर्म क्षेत्र में सफल होता है. ऐसा व्यक्ति अपनी बुद्धि के बल पर समाज में मान, यश और उन्नति प्राप्त करता है. ज्योतिष के ज्ञान के बारे में गुरु की स्थिति, युति तथा दृष्टि पर भी विचार किया जाता है, लेकिन बुद्धि के बारे में मुख्यतः बुध पर ज्यादा केंद्रित होना पड़ता है इसलिए शिक्षा प्राप्ति में बुध मुख्य भूमिका निभाते हैं.
कुंडली में बुध के अनुसार स्थिति व्यक्ति को जीवन में सफलता उसी प्रकार की देती है. जैसे - कुंडली में बुध प्रथम में भाव हो, तो ऐसा व्यक्ति विद्वान होने के साथ-साथ बुद्धिमान, अच्छा गणितज्ञ, साहित्य तथा काव्य में रुचि लेने वाला व तीव्र बुद्धि वाला होगा. यदि पुरुष राशि का हो, तो शिक्षा अधूरी रह सकती है, परन्तु लेखक, प्रकाशक आदि बनता है. वहीं दूसरे भाव में उपस्थित बुध से व्यक्ति धनवान होने के साथ कवि, वक्ता और मधुर वाणी वाला होता है. यदि गुरु से युक्त हो तो गणित का विद्वान होगा. साथ ही बुध का तीसरे भाव में होना, व्यक्ति को विद्याभ्यासी, सामुद्रिक शास्त्र का ज्ञाता या संपादक बनाता है.
कुंडली के पंचम भाव को विद्या, ज्ञान अथवा शिक्षा का घर माना जाता है. पंचम भाव एवं पंचम भाव का स्वामी जितनी अच्छी स्थिति में होता है अथवा शुभ ग्रह की दृष्टि पंचम भाव पर होती है तो कहा जा सकता है कि ऐसे व्यक्ति की शिक्षा उतनी ही ऊंचे दर्जे की होती है और वहीं यदि पंचम भाव पर पाप ग्रहों का प्रभाव हो या पंचमेश 6, 8 और 12वें भाव में हों, तो विद्या में बाधा उत्पन्न होती है. ध्यान रहे, पंचम भाव का स्वामी कोई भी ग्रह हो, कुंडली में यदि विद्या के विषय में बात की जा रही है तो गुरु का बल अवश्य देख लेना चाहिए, क्योंकि गुरु पंचम भाव या विद्या ज्ञान का कारक ग्रह है. यदि गुरु नीच राशि का होकर वक्री हो तो वह उच्च राशि में होने जैसा प्रभाव देगा.
इस तरह कुंडली के विभिन्न भावों में बैठे बुध का प्रभाव व्यक्ति पर अलग-अलग होता है. कहते हैं, कि बहुमुखी प्रतिभा का धनी, नेक बुध का जातक जिस राह पर चलता है, कामयाबी उसके पीछे-पीछे चलती है. साथ ही यदि बृहस्पति का साथ मिल जाए तो उसके प्रभाव में चार चांद लग जाते हैं. कभी कभी ऐसा भी देखा गया है कि ग्रहों की नकारात्मकता के कारण बच्चों का पढ़ाई में मन नहीं लगता है, जिसके चलते परीक्षा में और साथ ही रोजमर्रा के जीवन में उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है तो आइए हम आपको कुछ उपाय बताते हैं जिसे करने से बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुचि बढ़ाने के साथ एकाग्रता और स्मरण शक्ति में भी बढ़ोत्तरी होगी.
- मंदिर में धार्मिक पुस्तक गुरुवार को दान करवाएं.
- मंदिर में दो रंग के ऊनी कंबल गरीबों को दान करें. ध्यान रहे, इस प्रयोग को गुरुवार के दिन ही करना है. इससे बुध के अनिष्ट से रक्षा होगी.
- चिड़ियों को नित्य प्रातः काल दाना डालें. साथ ही पंचमुखी हनुमान का नियमित पाठ करें. स्मरण शक्ति में वृद्धि होगी.
- उच्च शिक्षा के लिए पन्ना धारण करें, बुध आपकी रक्षा करेगा.
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