Astrology: ये दो राशि वाले लोग कभी न बांधे हाथ में कलावा, होता है अशुभ शनिदेव को जाते हैं नाराज
Astrology: हिंदू धर्म में कवाला बांधने का महत्व है. लेकिन ज्योतिष की माने तो दो राशि वालों को हाथ में कलावा नहीं बांधना चाहिए. ऐसा करने से शनि देव आपसे रुष्ट हो सकते हैं और आपकी परेशानी बढ़ सकती है.
Astrology Tips Rules of Tie Kalawa in Hand: सनातन हिंदू धर्म में कलावा बांधने की परंपरा काफी पुरानी है. पूजा-पाठ और धार्मिक अनुष्ठानों में कलावा का प्रयोग कई तरह से किया जाता है. हिंदू धर्म में कई पवित्र पेड़-पौधों में भी कलावा बांधने का महत्व है.
लेकिन बात करें हाथ में कलावा बांधने की तो, इसे बहुत ही शुभ माना गया है. मान्यता है कि हाथ में कलावा बांधने से सकारात्मक ऊर्जा आती है और व्यक्ति परेशानियों से दूर रहता है. इसलिए इसे रक्षासूत्र भी कहा जाता है. पुरुष और कुंवारी कन्याओं को हमेशा दाएं हाथ में कलावा बांधना चाहिए. वहीं विवाहति स्त्रियों को बाएं हाथ में कलावा बांधना चाहिए.
कलावा का महत्व
कलावा में तीन रंग मिले होते हैं जोकि ब्रह्मा, विष्णु और महेश (त्रिदेव) का प्रतीक माने जाते हैं. इसलिए कलावा को हमेशा हाथों में तीन बार लपेटते हुए बांधने का महत्व है. लेकिन ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुछ लोगों के लिए कलावा हाथ में बांधना अशुभ भी हो सकता है.
ज्योतिष शास्त्र में ऐसी 2 राशियों के बारे में बताया गया है जिनके लिए कलावा बांधना अशुभ होता है. ऐसे लोग यदि अपने हाथ में कलावा बांधते हैं तो उन्हें कई परेशानियां झेलनी पड़ सकती है. साथ ही ऐसे लोगों से शनिदेव भी नाराज हो जाते हैं. जानते हैं कि किन्हें नहीं बांधना चाहिए कलावा.
इन दो राशि वालों के लिए अशुभ है कलावा बांधना
ज्योतिष शास्त्र की माने तो, कुंभ और मकर राशि वाले लोगों को हाथ में कलावा नहीं बांधना चाहिए. क्योंकि कुंभ और मकर राशि के स्वामी शनि देव हैं. शनि देव को लाल रंग अप्रिय है. इसलिए शनि देव के स्वामित्व वाली राशियों के लोग यदि हाथ में कलावा बांधते हैं, तो शनि देव उनसे नाराज हो जाते हैं.
वहीं एक कारण यह भी है कि कलावा का लाल रंग मंगल देव का प्रतिनिधित्व करता है. ज्योतिष में मंगल और शनि को एक दूसरे का शत्रु माना गया है. इसलिए मंगल और शनि की युति से भी खतरनाक षडाष्टक और द्वंद योग बनते हैं, जिसे अशुभ माना जाता है.
ये भी पढ़ें: Adipurush: वर्तमान में क्यों भगवान राम को दिया गया आदिपुरुष का नाम, जानिए आदिपुरुष और हनुमान जी में क्या है संबंध
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.